नाहन विधान सभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी ने बेशक 2012 के चुनाव में अचछी खासी बढत ली थी किन्तु उसके बाद से वे आम आदमी की पहूंच से बाहर हो गये है और उनके इर्द गिर्द पूजीपतियों ने घेरा डाल दिया है जिससे नाहन विधान सभा क्षेत्र का मतदाता ना खुश नजर आ रहा है और ऐसे में नाहन विधान सभा क्षेत्र में धरतीपुत्र का नारा जो कि बहुत जोरों शोरो से चल रहा है कही बिन्दल के लिये मुश्किल खडी ना कर दें।
यह भी तय माना जा रहा है कि बिन्दल के खिलाफ इस बार एन्टी इनकम्बैनसी है लोग खुश नही है। यह भी बताते चले कि बीते 2012 के चुनाव में बिन्दल की पकड आम आदमी पर थी तो लोगोे ने सिर माथे बिठाया था किन्तु अबकी मर्तबा उन्हें पूजीपतियो ने घेर रखा है और समूचे विधान सभा क्षेत्र में यह बात आम तौर पर सुनाई पड रही है कि बिन्दल को पूजीपतियो के नेता बन कर रह गये है। और देखा भी जा रहा है कि चुनावी कार्यालय में भी पूंजीपति ही चौधरी बने हुए है। जिससे इस चुनाव में बिन्दल का गणित गडबडा सकता है।
नाहन में धरतीपुत्र का नारा जोरों शोरों से चल पडा है चुनाव पूर्ण यौवन पर है और बिन्दल के खिलाफ धरतीपुत्र की मुहिम रंग ला रही है। वही नाहन का आम मतदाता पूजीपतियो ठेकेदारों व सरकारी कान्टै्क्टरो को छोडकर आम मतदाता बिन्दल से खुश नही हैं कईयोे से बातचीत करने पर पता चला तो सभी यही कह रहे है कि बिन्दल तो पूजीपतियों के नेता बन कर रह गये है। और बिन्दल से ज्यादा उनके चाटुकार अपने आपको मंत्री समझने लगे है जिससे आम मतदाता नाखुश है। वही दूसरी ओर यदि सोलंकी की बात की जाये तो सोलंकी आम मतदाता की पसन्द बन कर उभर रहे है। यह भी पता चला है कि सोलंकी के लिये लोग अपने घरों से पैसा एकत्र कर दे रहे है ।ताकि अपने चहेते प्रत्याशी को जीत हासिल करवाई जा सके। यह भी हो सकता है कि चुनाव के बाद बिन्दल बोरिया बिस्तरा समेट ले |