सोशल मीडिया पर एक सन्देश वायरल हो रहा है जिसमे ये लिखा आ रहा है की शिमला ओर सहारनपुर में उतना ही फर्क है जितना हिमाचल ओर उत्तरप्रदेश में। देवभूमि को आग के हवाले करके हिमाचल को उत्तरप्रदेश बनाकर सत्ता तक पहुंचने की कोशिश करने वालो शर्म करो। ऐसी हरकतों से न तो गुड़िया को इंसाफ मिलेगा ओर न ही हिमाचल की बदनामी के दाग धुलेंगे।लोगों को उकसाकर थाने ओर सरकारी वाहन जलाने से तुम्हारा वोट बैंक तो बढ़ जाएगा पर हिमाचल….ओर ज्यादा कलंकित होता जाएगा।यह लोग बार बार राष्ट्रीय मीडिया को कोस रहे थे कि गुड़िया मामले को क्यों नहीं दिखाया जा रहा।
क्या हम चाहते है कि इस घिनोने अपराध की खबरें देश विदेश में पहुंचे और प्रदेश की बदनामी हो ? पुलिस जांच से जब भरोसा उठा तो सरकार ने केस CBI के हवाले कर दिया।उसकी जांच होने के बाद भी धरने प्रदर्शन किए जा सकते हैं।शांति पूर्ण कैंडल मार्च विरोध का सबसे बड़ा हथियार है।लोकपाल ओर निर्भया मामले में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को झुकाया लेकिन आगजनी ओर पत्थरबाजी हिमाचली कल्चर के हिस्से कभी नहीं रहे।
हिमाचल की शान हमारे जांबाज सैनिक ओर देवसमाज है।उत्तरप्रदेश की हवाओं को हिमाचल में लाने की वकालत करने वालों ने इंसान ओर इंसान में फर्क दिखाकर जीत हासिल की।क्या वाहनों ओर थानों को जलाकर हम ऐसे लोगों के हाथ मे नहीं खेल रहे ? थानों में सिर्फ गुड़िया मामले की नहीं ओर भी अपराधियों की फ़ाइल पड़ी होती हैं, थाने जलेंगे तो यह अपराधी, जिन्होंने हमारे ही समाज मे हमारे लोगों के साथ गुनाह किये हैं छूट जाएंगे।पुलिस के वाहन जलेंगे तो भविष्य में पुलिस क्राइम स्पॉट पर कैसे पहुंचेगी।
थाने ओर पुलिस वाहन हमारे ही टैक्स के पैसों से फिरसे ठीक किये जायेंगे।यहां कमेंट करके आपको भड़काने वाले अभी थोड़ी देर में बिलों से निकल आएंगे।उन्हें पहचानें।उनसे पूछें क्या आगजनी करके गुड़िया को इंसाफ मिल जाएगा ? कल कोटखाई पुलिस स्टेशन में मौजूद 16 पुलिस कर्मी ओर 5 आरोपी मारे जाते तो उनके घरवालों की जिम्मेवारी कौन लेता ? उन 16 पुलिस कर्मियों में से क्या कोई गुड़िया का गुनहगार है ? अगर नहीं तो उन्हें जलाने का प्रयास क्यों किया।अगर उनमे से कोई आरोपी है तो CBI को उसके सबूत दो ताकि वो बच न पाए । उकसावे में न आकर शांतिपूर्ण विरोध करें।हिंसा और आगजनी के लिए उकसाने वालों को बेनकाब करें।