पांवटा साहिब — सकारात्मक पत्रकारिता को नई दिशा देने वाले व पत्रकारिता की दशा में परिवर्तन करने वाले सिरमौर के व्यक्तित्व का नाम हे शेैलेन्द्र कालरा। जीवन के कई उतार चढाव देखने के बाद कई बसन्त और पतझड भी देख डाले। हालाकिं पिता की साया काफी समय पहले ही इनके सिर से उठ गया था किन्तु अपनी सकारात्मक सोच के साथ साथ पूरे परिवार की ज्म्मिेवारी का बोझ भी हंसते हंसते ढो लिया। इतना ही नही बहिनो की जिम्मेवारी भी बखूबी निभाई और माता की देखभाल करने में भी कोई कोर कसर नही छोडी।
पत्रकारिता के क्षेत्र में दर्जनों चैनलो व प्रिन्ट मीडिया में भी अपनी एक अलग ही छाप छोडी है। किसी मामले को एक्सपोज करने में ऐडी से चोटी तक का जोर लगा देने में माहिर तो है ही साथ ही साथ ही उस मामले में बडी गम्भीरता से विचार विमर्श करना और ठंडा करके उस मामले की परत दर परत खोलना इनकी आदत में शुमार है। यहां तक कि उप मण्डल स्तर से लेकर आला अधिकारियेां व राजधानी मै बैठे अधिकारियो से पक्ष जानने में भी कोई हिचक नही करते। ऐसे एक नही दो नही दर्जनो मामले उजागर करते हुए पत्रकारिता जगत में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।इनको हिन्दी के साथ साथ अंग्रेजी पर भी पूरी कमाण्ड है
एक वाकया उस समय का मीडिया जगत मेें खूब उछला जब कुछ भृष्ट अध्किारियों ने कार्यालय में आकर हमला किया किन्त शैलेन्द्र कालरा की सोच को सलाम तो बनता है कि समूचे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी करने के बाद पूरा का पूरा मामला दूसरे दिन प्रकाशित कर डाला और जो जो प्रदर्शनकारियेां ने बोला वह भी प्रकाशित कर दिया। शराब माफिया से भिडने में भी कसर नही छोडी औरशराब माफिया को दिन में चांद तारे नजर करवा दिया और वह भी अपनी लेखनी के दम पर।
इनकी लेखनी व सक्रियता का इस बात से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि देश के नामी गिरामी चैनल इनके पीछे पडे हुए है कि हमारे साथ जुड जाओ। किन्तु डिजिटल मीडिया की बढती मांग को देखते हुए कालरा ने एमबीएम नामक सोशल साइट्स से अपनी एक अलग पहचान बना डाली है और लोग एमबीएम के इतने दीवाने हो गये है। पुलिस को बाद में सूचना देते है एमबीएम को पहले ही सूचित किया जाता है। लोगों की दीवानगी के एक नही कई उदाहरण् है किन्तु www.khabronwala.co.in भी ऐसे वरिष्ठ पत्रकार को सलाम करता है।