हिमाचल में भी लागू हो कर्जमाफी, दहाड़े किसान

प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ  मन्दी की मार झेल रहा प्रदेश का किसान बेहाल है। जो अन्नदाता ही नहीं सबसे बड़ा मतदाता भी है लेकिन आज उसकी हालत किसी से छिपी नहीं है। कर्ज तले दबे प्रदेश के किसनो ने भी दूसरे राज्यों की तर्ज पर कर्जमाफी की मांग उठा दी है। इसके लिए किसान किसी भी हद तक जाने को तैयार प्रतीत हो रहे हैं। अपनी मांगो को लेकर सिरमौर के राजगढ़ में जुटे किसानों ने निर्णय लिया की 10 जुलाई को प्रदेश व केंद्र की सरकार को ज्ञापन भैजा जाएगा। सम्मेलन को की प्रगतिशील किसानों ने संम्बोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि किसान देश की रीढ़ है बावजूद इसके किसान को दबाया कुचला जा रहा है। यही नहीं किसन को केवल वोटबैंक समझा जाता है। कोई भी किसानों के दुःख दर्द को समझने को तैयार नहीं है। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते आज किसान कर्ज तले डूबता जा रहा है। किसानों ने मांग उठाई कि अन्य राज्यों की तर्ज पर उनका कर्ज भी माफ़ किया जाए। इस अवसर पर 30 सदस्यों की एक तदर्थ कमेटी का गठन किया गया जिसमें प्रत्येक विचारधारा के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।

राजगढ़ के राधा कृष्ण मन्दिर परिसर में हुए इस किसान सम्मेलन में किसनो से जुडी समस्याओं पर मन्थन किया गया। जिसमें युवा किसानों से नवीनतम तकनीक अपनाकर उन्नत खेती करने का भी आह्वान किया गया। किसानों ने केंद्र सरकार पर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू न करने के आरोप लगाते हुए कहा कि यह किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। इस अवसर पर किसान सभा के जिलाध्यक्ष रमेश वर्मा, राजगढ़ इकाई अध्यक्ष एम आर वर्मा, यज्ञ दत्त शर्मा, शेरजंग चौहान, वेद प्रकाश ठाकुर, रणवीर, मुंशी राम वर्मा समेत कई किसानो ने विचार रखे।

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