कहीं टमाटर-शिमला मिर्च की फसल को न लील ले ये धुंध, पहाड़ों का गहना किसानों के लिए बना अभिशाप
सिरमौर जिला की आर्थिकी में महत्वपूर्ण रोल अदा करने वाली बेमौसमी सब्जियों पर मौसम की मार भारी पड़ सकती है। वर्षा पर आधारित क्षेत्रों में सूखे के बाद तूफान व ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। लेकिन अब धुंध रूपी समस्या ने किसानों की नींद उड़ा दी है। पहाड़ों का गहना मानी जाने वाली धुंध किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रही है। यदि इसी तरह धुंध का साम्राज्य बना रहा तो वह दिन दूर नहीं जब तैयार फसल चौपट हो जाएगी।
सिरमौर जिला में बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक जिला में 50 से 70 करोड़ का उत्पादन किया जाता है। इसमें टमाटर व शिमला मिर्च प्रमुख नकदी फसलें है जबकि किसान गौभी, मटर, लहसुन, प्याज, आलू व फ्रांसबीन फसल भी बड़े पैमाने पर की जाती है। इस मामले में सोलन के बाद जिला के पच्छाद का नाम आता है। पच्छाद में लहसुन की फसल को निपटाने के बाद टमाटर-शिमला मिर्च की फसल तैयारी पर है। इन दिनों क्षेत्र में धुंध छाने लगी है जो सब्जी की फसलों के लिए कैंसर से कम नहीं मानी जाती। इससे यह फसलें कई तरह के रोग की जकड़ में आ जाती हैं।