बरसात के मौसम में नाहन-शिमला एनएच पर जरा संभलकर सफर करें। कभी भी बड़े बड़े पत्थर व चीड़ के पेड़ न केवल आपका रास्ता रोक सकते हैं बल्कि हादसे का कारण भी बन सकते हैं। भले ही नाहन-शिमला मार्ग को एनएच 907A का दर्जा प्राप्त हो गया है मगर सड़क की हालत दयनीय होती जा रही है। सड़क निर्माण में बरती गई कथित लापरवाही के चलते बरसात के मौसम में इस मार्ग पर चलना जान जौखिम में डालने के समान है। सड़क पर कभी भी बड़े बड़े पत्थर गिर जाते हैं यही नहीं हवा में लटके चीड़ के पेड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। बरसाती पानी की निकासी के लिए इस सड़क पर उचित प्रबंध नहीं है जिस कारण सड़क तालाब में परिवर्तित हो जाती है।
लावारिस छोड़ी गई इस सड़क से कोई पत्थर तक उठाने वाला नहीं है। लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी भी हाथ पे हाथ धरे बैठे हैं। कोई इस सड़क की सुध लेने को तैयार नहीं है। इससे राहगीरों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या सादना घाट, पानवा, धरयार, कनलोग, धिरथ, बनेठी व दो सदका के आसपास के हिस्से में आ रही है। विभाग को सड़क पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने चाहिए और यदि समय रहते विभाग के अधिकारी नाहिं जागे तो कभी भी गंभीर घटना घट सकती है।