(जसवीर सिंह हंस ) बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप एवं मर्डर मिस्ट्री सुलझाने के लिए सीबीआई शनिवार को शिमला पहुंच गई है। उन्होंने अपनी जांच टीम बना ली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई के एसपी राम गोपाल इस टीम के प्रमुख हैं और वे शिमला पहुंच गए हैं। सीबीआई ने अपनी एसआईटी का भी गठन कर लिया है। एसपी राम गोपाल इसके प्रमुख (चीफ) हैं। बताया जाता है कि सीबीआई ने चंडीगढ़ में पोस्को एक्ट आईपीसी की धारा 302,376 ओर 34A के तहत केस दर्ज किया है और अब वह क़ानूनी रूप से इस मामले की जांच शुरू करेगी। संभावना जताई जा रही है कि सीबीआई इस मामले से संबंधित फाइलें खंगालेगी और अब अपने स्तर पर जांच शुरू करेगी। साथ ही शाम को कोटखाई में गुड़िया के परिजनों से बातचीत कर सकती है। साथ ही घटनास्थल का मुआयना भी करेगी।
सी.बी.आई. के लिए अहम गवाह सूरज की पत्नी
सूत्रों के अनुसार सी.बी.आई. के लिए सबसे अहम कड़ी सूरज की पत्नी ममता नामक नेपाली मूल की महिला को माना जा रहा है। इसका पति गुड़िया मामले में खुद आरोपी रहा है लेकिन लोग इसे निर्दोष करार दे रहे थे। इसकी कोटखाई थाने में ही हिरासत में हत्या कर दी थी। यह हत्या मंगलवार आधी रात को हुई थी। इसे लेकर एक अन्य आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद मृतक की पत्नी ने जिस तरह का बयान मीडिया में दिया है, उसने पुलिस की कहानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह है पूरा मामला
4 जुलाई को 15 वर्षीय छात्रा घर लौटते समय अचानक शाम को गायब हो गई थी। पीड़िता राजू को पहले से जानती थी। वो ट्रक चलाता था और पहले भी उसने राजू से लिफ्ट ली थी। ऐसे में दोनों की जान पहचान पहले से ही थी। जिस दिन छात्रा गायब हुई उस दिन आरोपी राजू ने उसे घर छोड़ने के बहाने अपनी गाड़ी में बिठा लिया। गाड़ी में उसके कुछ दोस्त पहले से ही नशे की हालत में मौजूद थे। सामान उतारने के बहाने उन्होंने जंगल में गाड़ी रोक दी और वे गाड़ी से नीचे उतर गए। उन्होंने एक-दूसरे से बात की कि यही मौका है और ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा। वहीं गाड़ी में बैठी छात्रा इस सबसे अनजान थी। थोड़ी ही देर बाद वे वापस गाड़ी के पास लौटे और छात्रा को बाहर उतरने के लिए कहा। जब वह नहीं उतरी तो उन्होंने जबरदस्ती उसे बाहर घसीट लिया। इससे उसके कपड़े तक फट गए। कुछ पिन और कपड़े के टुकड़े भी वहां गिर गए।