( धनेश गौतम ) जय राम सरकार में अब जनजातीय क्षेत्र के गरीब व भूमिहीन लोगों को नौतोड़ मिलने की उम्मीद जग गई है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रविवार को यहां रायसन में पत्रकारों को जवाब देते हुए कहा कि जनजातीय क्षेत्र में नौतोड़ मामले में जो औपचारिकताएं कठिन हैं उनके नियमों में संशोधन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके बहुत सारे सुझाव आए हंै और सरकार इस पर काम कर रही है। गौर रहे कि पिछली सरकार ने जनजातीय क्षेत्र लाहुल स्पीति, किन्नौर, भरमौर, पांगी सहित तमाम क्षेत्र के गरीब व भूमिहीन लोगों को नौतोड़ देने का निर्णय लिया था। तत्कालीन सरकार ने बाकायदा इस पर मोहर लगा दी थी लेकिन कुछ अधिकारियों की अड़चन के कारण नौतोड़ वितरित नहीं हो सकी थी।
जिस कारण अब तक जनजातीय क्षेत्र के भूमिहीन लोग खेतीबाड़ी नहीं कर पा रहे हैं जबकि क्षेत्र में खेतीबाड़ी करने योग्य पर्याप्त भूमि है। इस नौतोड़ मामले में एक पुराना कानून जिसके तहत नौतोड़ उसी को मिल सकती है जिसकी सालाना आय मात्र 2 हजार है। लेकिन वर्तमान में इस नियम को लागू करके कबायली लोगों को भूमि नहीं मिल पा रही है। अब वर्तमान सरकार समझ पाई है कि यह नियम तर्क संगत नहीं हैं।
जनजातीय क्षेत्र के 35 हजार गरीब व भूमिहीन लोगों ने नौतोड़ के लिए आवेदन कर रखे हैं। सनद रहे कि जनजातीय क्षेत्र में बहुत सारे लोग भूमिहीन हैं जिसका मुख्य कारण वहां का कस्टमरी लॉ भी है। इस क्षेत्रीय कानून के तहत वहां पर परिवार के बड़े भाई को ही जमीन मिलती है जबकि अन्य छोटे भाईयों व बहनों को पैतृक संपति का अधिकार नहीं होता है।
जिस कारण जनजातीय क्षेत्र में ऐसी बहुत सारी जनसंख्या है जिनके पास भूमि नहीं है और वे गरीबी रेखा से काफी नीचे हैं। इस खाई को बांटने के लिए पूर्व सरकार ने नौतोड़ देने का निर्णय दिया था। अब वर्तमान जय राम सरकार से लोगों को आस बंध गई है और उम्मीद है कि शीघ्र नियमों में संशोधन करके वहां के लोगों को भूमि मिलेगी।