( जसवीर सिंह हंस ) मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सभी छः मेडिकल कॉलेजों के समुचित प्रबन्धन के लिए शीघ्र ही एक मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि नर्सों के लगभग1000 पद प्राथमिकता के आधार पर भरे जाएंगे ताकि राज्य में स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ किया जा सके।
मुख्यमंत्री अन्तरराष्ट्रीय नर्सिंग सप्ताह के अवसर पर ट्रेंड नर्सिज एसोशिएसन ऑफ इण्डिया की हिमाचल इकाई द्वारा आज यहां इन्दिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में आयोजित समारोह के दौरान सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि फ्लोरेंस नाइटेंगेल स्नेह और निस्वार्थ सेवा भावना का प्रतीक हैं जो वह केवल नर्सों के लिए ही नहीं, बल्कि समूची मानवता के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। नर्सिंग व्यवसाय को उन्हीं के प्रयासों से आगे बढ़ाया जा सका और विश्व स्तर पर इसे मान्यता मिली।
जय राम ठाकुर ने कहा कि रोगियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए नर्सें संवेदना और सेवा भाव के साथ कार्य करती हैं और रोगी भी उनसे ऐसे ही व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं। उन्होंने कहा कि रोगियों के साथ चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ का अच्छा व्यवहार उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दिलाने में सहायता करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले चार महीनों की अवधि में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। चिकित्सकों के 262 पद भरे गए हैं और चिकित्सकों के200 व पैरामेडिकल स्टाफ के 2000 और पद भरने की प्रक्रिया जारी है जिससे स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ बनाने में सहायता मिलेगी। प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि स्वास्थ्य मानकों में हिमाचल प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्व सरकार ने 16 डिग्री कालेज खोलने की घोषणा की लेकिन प्रत्येक कालेज के लिए मात्र एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया। इसी तरह अपने कार्यकाल के अन्तिम कुछ महीनों में पूर्व सरकार ने बिना बजट प्रावधान और आवश्यक स्टाफ के कई स्वास्थ्य संस्थान भी खोल डाले थे।
मादक द्रव्यों के सेवन के बढ़ रहे मामलों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी का सामूहिक उत्तरदायित्व है कि नशामुक्त समाज के निर्माण की दिशा में अपना सहयोग दें। समाज और विशेषकर युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति का बढ़ता प्रभाव एक बड़ी चुनौती है और अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर निरन्तर नजर रखें। उन्होंने कहा कि सरकार इस सामाजिक बुराई के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है।
जय राम ठाकुर ने घोषणा की कि नर्सों को प्रदान किए जा रहे 13 माह के वेतन को अब नए मूल वेतन और ग्रेड पे के आधार पर दिया जाएगा। उन्होंने नर्सों का दैनिक आहार भत्ता 6 रुपये से बढ़ाकर 25 रुपये करने की भी घोषणा की।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री के मार्ग दर्शन में स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वयं कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित बनाने के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं और उन्हें करोड़ों रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मानकों में प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल है और इस क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए इस वर्ष के बजट में कई नई योजनाओं को शामिल किया गया है।
आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डा. रवि शर्मा ने कहा कि नर्सिंग व्यवसाय मेडिकल व्यवसाय का अभिन्न हिस्सा है और नर्सों के बिना कोई स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में सोच भी नहीं सकता।वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. जनक राज ने कहा कि नर्सिंग व्यवसाय सबसे पवित्र और महान व्यवसाय है, जो पीड़ित मानवता की सेवा में रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है।
अतिरिक्त निदेशक एवं एचपीआरएनसी की रजिस्ट्रार कौशल्या चौधरी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न संस्थानों से हर वर्ष 2000 नर्सें प्रशिक्षण पूरा कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से नर्सों के खाली पदों को भरने का आग्रह किया।ट्रेंड नर्सिंग एसोशिएसन की अध्यक्षा ज्योति वालिया ने एसोशिएसन की मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कालेज आईजीएमसी की लैक्चरर सन्तोष मान्टा ने कहा कि इस वर्ष के नर्सिज डे के विषय और इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रोगियों को गुणात्मक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने में नर्सों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।इस अवसर पर फ्लोरेंस नाइटेंगेल के जीवन पर आधारित एक वृत चित्र भी प्रदर्शित किया गया।अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक सुमित खिम्टा, डेंटल कालेज के प्रधानाचार्य डा. आर.पी. लुथरा, मुख्यमंत्री के ओएसडी महेन्द्र धर्माणी, नर्सिंग कालेज की प्रधानाचार्य ऊ्रषा मेहता भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।