( अनिलछांगू ) जीरकपुर में हुई कांगडा की निशा की मौत के मामले में पुलिस काफी ढ़ीली जांच कर रही है। घटना के 46 दिन बाद भी जीरकपुर पुलिस निशा की ननद, सास और देवर को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। निशा के परिजनों ने यह आरोप सैक्टर-27 स्थित प्रैस क्लब में की गई प्रैस कान्फ्रैंस में लगाए। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के उपमण्डल फतेहपुर की ग्राम पंचायत नगंल के गांव बरोह के रहने वाले निशा के पिता करनैल सिंह ने आरोप लगाया है कि निशा का पति मनीष ठाकुर उनकी बेटी से 15 लाख रुपए मांग रहा था। उसने जीरकपुर में मकान बनाने के लिए जमीन खरीदनी थी। पैसे न देने पर मनीष निशा को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान भी कर रहा था।
निशा के भाई सुरेश राणा ने सवाल उठाया कि उसकी बहन ने फंदा लगाने के समय नर्सिंग की ड्रैस क्यों पहनी थी? साथ ही जिस कमरे में फंदा लगाया वहां पंखा 10 फुट की हाईट पर था और वहां घटना के दौरान कोई टेबल और बैड नहीं था। आखिर उसकी बहन ने इतनी ऊपर चढ़कर फंदा कैसे लगा लिया? सुरेश ने कहा कि पुलिस ने उन्हें यह बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो उनकी बहन का पति परिवार के साथ फरार हो चुका था। सुरेश ने आगे कहा कि मौत के पीछे ससुराल पक्ष के लोगों का हाथ है।
इस मामले में पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर पति मनीष ठाकुर और ससुर को गिरफ्तार किया, जबकि देवर, सास और ननद फरार हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी पर धारा-304बी के तहत केस दर्ज होना चाहिए। परिजनों ने साथ ही आरोप जड़ा कि पंचनामा पोस्टमार्टम रूम में करवाया गया, पर यह परिजनों की मौजूदगी में होना चाहिए था। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस उन पर दबाव बना रही है और आरोपी पक्ष को बचा रही है। इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख कर इंसाफ की मांग की है। पीड़ित परिजनों ने मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
करनैल सिंह ने बताया कि उनकी बेटी नीशा ठाकुर की शादी हमीरपूर निवासी मनीष ठाकुर से 29 नवम्बर 2017 में हुई थी। शादी के बाद बेटी और उसका पति जीरकपुर में रहने लगे थे। उन्होंने आरोप जड़ा कि शादी के बाद मनीष उनकी बेटी को परेशान करने लगा था। 25 अप्रैल को जब उन्होंने कॉल की तो निशा ने कॉल नहीं उठाई। फिर मनीष को कॉल की तो उसने बताया कि निशा ने फंदा लगा लिया है। करनैल सिंह के मुताबिक उनके पहुंचने से पहले ही बेटी को फंदे से उतारकर शव मोर्चरी में रखवा दिया था। परिजनो का कहना है कि जीरकपुर पुलिस मिलिभक्त की वजह से मामले को दबा ऱही है इसी कारण ये मामला सीबीआई के पास जाना चाहिए ,अन्यथा उन्हें धरना प्रदर्शन करने पर वाध्य होना पड़ेगा ।