( धनेश गौतम ) फोरलेन प्रबंधन के खिलाफ एनजीटी को शिकायत भेजी गई है। यह शिकायत कुल्लू जिला परिषद अध्यक्ष रोहिणी चौधरी ने की है। रोहिणी ने आरोप लगाया है कि फोरलेन का काम जहां जोर शोर से चल रहा है वहीं भुंतर से लेकर रामशिला तक निकलने बाला मक ब्यास नदी में डंप किया जा रहा है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है और ब्यास नदी कई स्थानों से संकरी हो चुकी है। जल स्तर बढ़ने पर डंप किया हुआ मक आगे बाले क्षेत्र में तबाही मचा सकता है। गौर रहे कि आजकल फोरलेन का काम तेजी से चल रहा है लेकिन जिला कुल्लू के भुंतर से लेकर कुल्लू तक जो हालात है वे बहुत ही खराब है।
यहां पर भारी मात्रा में मलवा ब्यास नदी में ही डंप किया जा रहा है। हैरानी इस बात की है कि पर्यावरण से जुड़ी कई संस्थाएं खामोश बैठी है और जिला जिला प्रशाशन ने भी आंखें मूंद रखी है। जबकि आने बाले समय मे इसका भारी भरकम नुकसान झेलना पड़ सकता है। ब्यास नदी में मलवा डंप करने से डैमो को भी खतरा हो सकता है। इसी नदी में कुछ दूरी पर लारजी व पंडोह डैम भी स्थापित है। यदि बाढ़ जैसी स्थिति बनी तो भारी नुकसान हो सकता है। अब देखना यह है कि एनजीटी इस पर क्या कार्रवाई करती है।