हिमाचल की बेटियों को मिला बड़ा सम्मान , प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने एशियाई खेलों के पदक विजताओं दिया रात्रिभोज

 

( जसवीर सिंह हंस  ) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने आवास पर हाल में संपन्न हुए 18वें एशियाई खेलों के पदक विजताओं के साथ मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने पदक विजेताओं को बधाई दी और एशियाई खेलों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। इस बार एशियाई खेलों में भारत ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने पदक विजेताओं को बताया कि उनके प्रदर्शन से भारत का गौरव बढ़ा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पदक विजेता प्रसिद्धि और पुरस्कारों की चकाचौंध में नहीं खोएंगे और अपना पूरा ध्यान उत्कृष्टता पर लगाएंगे। आज रात सभी खिलाडियों को रात्रिभोज भी दिया  जा रहा है |

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इंडोनेशिया में आयोजित हुई 18वीं एशियन गेम्स में महिला कबड्डी  में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाली शिलाई की बेटियो  प्रियंका नेगी और रितु नेगी व मनाली कि  कविता को भी  इस कार्येक्रम में सम्मानित किया गया | महिला कबड्डी  टीम को खेल मंत्रालय कि और एक करोड़ बीस लाख का चेक भी दिया गया | ग्रामीण य स्तर पर चमकी शिलाई की बेटियों रितु नेगी ने और प्रिंयका नेगी ने कहा कि अंपायरिंग में तकनीकी चूक नहीं होती तो शायद भारत को एक और स्वर्ण पदक मिलता। उन्होंने कहा कि देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना उनका हमेशा उनका लक्ष्य रहता है इसके लिए वो आगे भी मेहनत करती रहेंगी। प्रियंका नेगी ने कहा कि बड़ों के आशीर्वाद और मेहनत के दम पर हर मुकाम को हांसिल किया जा सकता है। उन्होंने साथ ही युवाओं को नशे व मोबाइल की लत से बचने की सलाह दी।

मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने खिलाडियों से आग्रह किया कि वे अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को तकनीकी मदद से अपने प्रदर्शन का आकलन करना चाहिए। उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाडियों के प्रदर्शन से भी सीखना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि छोटे शहरों, ग्रामीण इलाकों और गरीब पृष्ठभूमि वाले युवा प्रतिभाशाली आगे बढ़ रहे हैं तथा देश के लिए पदक जीत रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में असली क्षमता मौजूद है और हमें इस प्रतिभा को निखारना जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि बाहरी दुनिया इस बात से अनभिज्ञ है कि एक खिलाड़ी को रोज कितना संघर्ष करना पड़ता है।

देश के लिए पदक जीतने के क्रम में जिन खिलाड़ियों को तमाम कठिनाईयों से गुजरना पड़ा, प्रधानमंत्री उनका उल्लेख करते हुए भावुक हो गये। उन्होंने ऐसे खिलाड़ियों के अनुशासन, समर्पण और साहस को सलाम किया। उन्होंने आशा व्यक्त कि देश इन खिलाड़ियों के प्रयासों से प्रेरणा लेगा।

प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे पुरस्कार प्राप्त करने के बाद शिथिल न हो जायें। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि वे और गौरव प्राप्त करने के लिए और मेहनत करें। उन्होंने कहा कि पदक विजताओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब शुरू हो रही है और उन्हें ओलम्पिक खेलों के लक्ष्य पर से नजर नहीं हटानी चाहिए।

इस अवसर पर युवा मामलों और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि पदक तालिका में जो सुधार आया है और युवा खिलाड़ियों की प्रेरणा के पीछे प्रधानमंत्री का विजन तथा सरकार की पहलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उल्लेखनीय है कि भारत ने इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में आयोजित 18वें एशियाई खेलों में कुल 69 पदक प्राप्त किए। इस तरह 2010 में क्वाङचओ एशियाई खेलों में 65 पदकों की तुलना में इस बार भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

 

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