( धनेश गौतम ) एनजीटी के आदेशों के बाबजूद पिरडी कूड़ा सयंत्र को बंद न करने का मामला उलझ गया है। ग्रामीण जहां एनजीटी के पक्ष में उतर गई है और आदेशों को लागू करने लिए सड़कों पर उतर गई है वहीं ग्रामीणों ने नगर परिषद पर घोटाले के गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नगर परिषद के कुछ पदाधिकारी कुल्लू के कूड़े से हर दिन नोट छपा रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इस कूड़ा सयंत्र के नाम पर कई घोटाले किए जा रहे हैं तभी तो नगर परिषद एनजीटी के आदेशों को नहीं मान रही है।
ग्रामीण अरुण शर्मा, राजीव शर्मा, अनिल कांत शर्मा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि अब नगर परिषद के एक एक घोटालों को उजागर किया जाएगा। ग्रामीणों ने मांग की है कि जो नगर परिषद एक साल में इसका समाधान नहीं तलाश पाई और अब कूड़ा निष्पादन में असफल हुई है तो ऐसी नगर परिषद को तुरंत प्रभाव से भंग कर देना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि इस कूड़ा संयंत्र को नगर परिषद ने भष्टाचार का अड्डा बनाया हुआ है। होटलों व बड़े संस्थानों को एनजीटी का ख़ौफ दिखाकर डराया धमकाया जा रहा है और उनसे धन उगाही कर कूड़ा पिरडी में फेंका जा रहा है जहां एनजीटी ने रोक लगा रखी है।
इसके अलावा किसी का पशु यदि मर जाता है तो आठ से दस हजार पशु उठाने के लिए जा रहे हैं और उन पशुओं को भी ब्यास नदी के किनारे पिरडी में खुले में फेंका जा रहा है। इसके अतिरिक्त एक जेसीवी यहां रखी गई है जिससे रात के अंधेरे में कूड़ा ब्यास नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। कूड़े पर लाखों की दवाई के छिड़काव व लेवर घोटाले को भी उजागर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त छोटे बच्चों से कूड़े का काम करवाया जा रहा है। यही नहीं जिन गाड़ियों से कूड़ा लाया जा रहा है वे कहीं भी पंजीकृत नहीं है और वाहनों को चलाने बाले भी नाबालिग है जिनके पास लाइसेंस तक नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि कूड़ा ढुलाई में भी घोटाला किया जा रहा है।
एनजीटी ने गत वर्ष जून माह में रोहतांग के साथ ही इस कूड़ा संयंत्र को बदलने के आदेश दिए थे। रोहतांग में तो एनजीटी के आदेशों की पूरी पालना की गई लेकिन पिरडी में एक साल बीत जाने के बाद भी आदेशों की अवहेलना की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि अब नगर परिषद के हर घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा और कौन कौन लोग इसमें संलिप्त है उन्हें भी उजागर किया जाएगा। नगर परिषद के कुछ पार्षद भी संपर्क में है जो इस घोटाले से दुःखी है। ग्रामीणों ने बताया कि पिरडी के साथ लगता कस्बा एजुकेशन हब है और यहां 5000 से अधिक छात्र बदवू से प्रभावित हो रहे हैं।
इसके अलावा नेचर पार्क में आने बाले लोग मुंह में रुमाल बांध कर एक बार आते हैं और फिर कभी नहीं आते।लिहाज पांच दिनों से एनजीटी के आदेशों को मनवाने के लिए धरने पर बैठे लोगों ने कुल्लू नगर परिषद को भंग करने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों की दलील है कि अगर नगर परिषद के नुमाईंदे कूड़ा डंप करने की समस्या का हल नहीं निकाल सकते तो ऐसी नगर परिषद को भंग कर देना चाहिए। धरने पर बैठे अरूण शर्मा, राजीब शर्मा,राजीव शर्मा,अनिल कांत शर्मा सहित तमाम लोगों का कहना है कि अगर नगर परिषद के नुमाईदे इस समस्या का हल नहीं निकाल सकते हैं तो उन्हें अपने आप अपने अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने मांग की है कि नगर परिषद कुल्लू समस्या का समाधान निकालने में पूरी तरह से नाकाम नहीं है और नगर परिषद को तुरंत प्रभाव से भंग किया जाए। उन्होंने कहा कि नुमाईंदे इतने कमजोर हो गए हैं कि वे शहर से निकलने वाले कूड़े को डंप करने के लिए जगह नहीं तलाश पा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने नगर परिषद के कुछ नुमाईंदों पर यह भी आरोप लगाया है कि वे शहर से निकलने वाले कूडे़ कचरे से नोट छाप रहे हैं और पूरी तरह से धांधली मचाई हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कूड़े में नगर परिषद के लोग कई संस्थानों से कूडे़ को इस अवैध डंपिंग साईट में डंप करने के नाम पर पैसे ले रहे हैं, जिसका वे जल्द ही खुलासा करेंगे।
पांच दिनों से कूड़ा सयंत्र का रास्ता बंद करने पर प्रशासन ने धारा 144 भी लगा रखी है लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन मामले का समाधान नहीं ढूंढ पाया है और मामले में प्रशासन पूरी तरह लाचार दिखाई दे रहा है। जबकि नगर परिषद के लिए अब शहर का कूड़ा कचरा गले की फांस बन गया है। धरने पर बैठे लोगों की माने तो एसडीएम सहित यहां आए अधिकारी खुद मानते हैं कि कूड़ा सयंत्र केंद्र से क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो रही है लेकिन समाधान उनके पास भी नहीं है।