इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के करोड़ों के घोटाले के आरोपियों में तत्कालीन आबकारी निरीक्षक दीपक सत्ती, ज्योति स्वरूप और रमेश चौहान की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 15 नवंबर के लिए टल गई है। तीनों आरोपी फिलहाल अंतरिम अग्रिम जमानत पर हैं। न्यायाधीश विवेक ठाकुर के समक्ष याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।
सीआईडी की न्यायालय में दायर स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड जगतपुर पांवटा साहिब की ओर से सरकार का लगभग 2100 करोड़ टैक्स अदा न करने पर फैक्ट्री को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है। कंपनी ने जाली दस्तावेज तैयार कर और अधिक उत्पादन दर्शाकर विभिन्न बैंकों से लोन लेने के लिए षड्यंत्र रचा। इसके अतिरिक्त कंपनी प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग और अन्य विभागों से मिलीभगत कर सामान और कबाड़ इत्यादि को चोरी छिपे बाहर निकाला ।
इसके चलते सीआईडी की ओर से प्रार्थियों को जमानत दिए जाने पर विरोध जताया है। जांच एजेंसी का कहना है कि प्रार्थियों ने नमूना के हस्ताक्षर लिए जाना है, जिनका मिलान कब्जे के लिए दस्तावेजों के हस्ताक्षर के साथ करवाया जानना है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने पांवटा के बेहराल बैरियर पर ड्यूटी के दौरान इंडियन टेक्नोमैक कंपनी जगतपुर के जाली बिलों का इंद्राज कंपनी प्रबंधन से पैसे लेकर किया है। इस वजह से कंपनी ने इतना बड़ा फ्रॉड किया है।
आरोपियों ने यह पैसा किन-किन अधिकारियों को दिया है, इस संबंध में पूछताछ की जानी है। सीआईडी की अभी तक की जांच में पाया है कि कंपनी के लिए कोई कच्चा माल बाहर से आता था तथा तैयार माल बाहर जाता था । जो बहराल बैरियर पर उसका इंद्राज किया जाता था तथा बैरियर पर फॉर्म काटा जाता था तथा फॉर्म पर उस समय ड्यूटी पर तैनात आबकारी निरीक्षक की मुहर लगती थी। आबकारी विभाग के निरीक्षकों की यह मुहर भी नहीं मिल रही है। वही सी आई डी कुछ और अधिकारियो को भी गिरफ्तार कर सकती है मिली जानकारी के अनुसार कुछ आरोपियों से पूछताछ भी कि गयी है |