भारी बरसात तथा जनजातीय क्षेत्रों में अप्रत्याशित बर्फबारी के कारण राज्य को इस वर्ष पहली जुलाई से लगभग 1600 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान व क्षति हुई है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात राज्य को मौसम में अचानक बदलाव, वर्षा तथा असमायिक बर्फबारी से हुए नुकसान के आंकलन के लिए राज्य के दौरे पर अन्तर मंत्रालय केन्द्रीय टीम के साथ मंगलवार को मण्डी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य नुकसान लोक निर्माण विभाग को पहुंचा है जिसमें सड़कें और पुल इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों व पुलों को लगभग 930 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 405 भूस्खलन तथा 34 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई एंव जन स्वास्थ्य विभाग को 430 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा तथा अप्रत्याशित बर्फबारी के कारण कृषि फसलों तथा अधोसंरचना को 130.37 करोड़ रुपये की क्षति की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बाढ़, भूःस्खलन, बादल फटने तथा सड़क दुर्घटनाओं के कारण 343 लोगों ने अपनी जानें गवाई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने मानव जीवन के नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए 13.72 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने क्षतिग्रस्त सड़कों व अधोसंरचना को शीघ्र बहाल करना सुनिश्चित किया है ताकि आम जनमानस तथा राज्य में आने वाले सैलानियों को असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्बा, कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति जिलों से 3 सितम्बर से एक अक्तूबर, 2018 के बीच विभिन्न माध्यमों द्वारा 4033 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने केन्द्र सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राहत एवं पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करने में हर सम्भव सहायता प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आग्रह पर लाहौल-स्पिति तथा चम्बा जिलों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए राज्य को भारतीय वायु सेना के सात हेलीकॉप्टर प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि इन जिलों से 292 लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों तक लाया गया।
जय राम ठाकुर ने अन्तर मंत्रालय केन्द्रीय दल से राज्य सरकार को हुए नुकसान और क्षति जो पिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक है, को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से अधिक से अधिक समर्थन की संस्तुति के लिए आग्रह किया।
विशेष सचिव राजस्व व आपदा प्रबन्धन डी.सी. राणा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्यों का स्वागत किया तथा बरसात के दौरान राज्य को हुए नुकसान का ब्योरा दिया।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य महेन्द्र सिंह ठाकुर, बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, परिवहन व वन मंत्री गोबिन्द ठाकुर, सांसद राम स्वरूप शर्मा, विधायक विनोद कुमार व राकेश जमवाल, गृह मामले मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पीएम) विवेक भारद्वाज, सड़क, परिवहन तथा राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अधीक्षण अभियन्ता विपनेश शर्मा, जल संसाधन मंत्रालय के निदेशक ओ.पी. गुप्ता, मण्डी के उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।