प्रदेश को हिला देने वाले करीब तीन हजार करोड़ से अधिक के इंडियन टेक्नोमैक घोटाले के बाद सिरमौर जिला में एक ओर करोड़ों रुपए का गड़बड़झाला सामने आया है। हिमाचल के आबकारी एवं कराधान विभाग ने जीएसटी एक्ट 2017 के अधीन पहली मर्तबा जिला सिरमौर के कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र से दो उद्यमियों को 150 करोड़ के फ्रॉड में गिरफ्तार किया है।
यह पहली गिरफ्तारी विभाग के परवाणू स्थित दक्षिणी प्रवर्तन क्षेत्र के मुखिया संयुक्त आयुक्त सुनील कुमार द्वारा की गई है। करोड़ों रुपए की इस फ्रॉड खरीद-फरोख्त में विभाग उक्त दोनों आरोपियों के अलावा भी छह अन्य हिमाचली उद्यमियों की गिरफ्तारी जल्द करने जा रहा है। संयुक्त आयुक्त सुनील कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी दोनों उद्यमियों ने पिछले दो माह में दिल्ली के तीन फर्जी ट्रेडरों से 60 करोड़ की खरीद को दिखाया।
विभाग ने जब इन ट्रेडरों की पड़ताल की तो एक 13000 रुपए का टैक्सी ड्राइवर व एक चार हजार रुपए में मिल्क डेयरी में हेल्पर के तौर पर काम करता पाया गया। उन्होंने कहा कि विभाग काफी समय से इस मामले की पड़ताल में लगा हुआ था, जिसमें पहली मर्तबा विभाग द्वारा दो लोगों की गिरफ्तारी की गई है। दरअसल कालाअंब स्थित दोनों उद्यमी लंबे समय से फर्जी बिलिंग कर दिल्ली से कच्चे माल की खरीद-फरोख्त दिखा रहे थे। विभाग के अनुसार 150 करोड़ के इस फ्रॉड में 15 करोड़ रुपए का जीएसटी हेर-फेर शामिल है, जिसे गहन छानबीन के बाद उजागर करते हुए दो लोगों की गिरफ्तारी की गई है।
आरोपियों ने करोड़ों के कच्चे माल के फर्जी ट्रांसपोर्ट बिल बनाकर व कार,बाइक के नंबर दिखाकर विभाग को चूना लगाने का प्रयास किया। विभागीय पड़ताल में सामने आया कि दिल्ली में जिन ट्रेडरों से खरीद को दिखाया गया है वहां दो जगहों पर कोई और ही ट्रेडर काम कर रहे हैं, जबकि तीसरी जगह पर एक फार्मा कंपनी काम कर रही है। आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव जगदीश शर्मा ने कहा कि टैक्स फर्जीबाडे़ के इस मामले में संयुक्त आयुक्त डा. सुनील कुमार की टीम में मौजूद इंस्पेक्टर रूपिंदर सिंह ने अहम जिम्मेदारी निभाई। टैक्स से जुड़े मामलों में विभाग को पूरी सतर्कता बरतने को कहा गया है। ऐसे मामलों में टैक्स चोरों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।