(जसवीरसिंहहंस)आईआईएम सिरमौर में ‘बिज़नेस एण्ड मैनेजमेन्ट’पर पहले नेशनल डाक्टोरलकोलोक्वियम का आयोजन किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 18 से 20 दिसम्बर 2018 को किया गया।कोलोक्वियम ने एक ऐसे मंच की भूमिका निभाई, जिसके माध्यम से अनुसंधानकर्ताओं को प्रकाशन एवं शोधकार्यों की जटिलताओं को समझने का अवसर मिला। इसके अलावा प्रतिभागियों को एक अनौपचारिक वातावरणमें राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय विद्वानों के साथ अपने विचार साझा करने तथा शोधकार्यों पर अर्थपूर्ण बातचीत करने कामौका मिला।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रोफेसर (डा) नीलू रोहमेत्रा, डायरेक्टरइण्डियन इन्सटीट्यूट आफ मैनेजमेन्ट,सिरमौर के द्वारा किया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि प्रबंधन शोधकर्ता कैसे नीतिनिर्माण एवं इनके निष्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंनें प्रतिभागियों से कहा कि उन्हें अपने क्षेत्र सेजुड़ी समस्याओं को पहचानना चाहिए और अनुसंधान के माध्यम से इनके मूल समाधान खोजने के लिए प्रयासकरने चाहिए। उन्होंने प्रबंधन शिक्षा, अनुसंधान एवं नीतियों के बीच के संबंधों पर रोशनी डाली तथा समुदाय केकल्याण एवं विकास के लिए अनुसंधान के महत्व पर ज़ोर दिया।
प्रोफेसर अमनदीप धीर, फैकल्टी, युनिवर्सिटी आफ हेलिन्स्की, फिनलैण्ड कोलोक्वियम के लिए मुख्यरिसोर्स पर्सन थे, उन्होंने तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान शोधकर्ताओं के साथ विचारविमर्श किया। उन्होंनेकहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को नेटवर्क के साथ जुड़ने और नए सोशल कनेक्शन बनाने का मौका देतेहैं। उन्होंने अपने पीएचडी अध्ययन, देश के शीर्ष पायदान के संस्थानों में फैकल्टी के रूप में अपने अनुभवों तथाअपने प्रकाशन दस्तावेजों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम समस्याओं के समाधान के लिए एकअनूठी लर्निंग तकनीक पर रोशनी डालता है।
प्रतिभागियों का चुनाव एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया, जो वर्तमान में आईआईएम इन्दौर,आईआईएम रोहतक, आईआईटी खड़गपुर, आईआईएफटी दिल्ली, एफएमएस दिल्ली, आईआईआईटीअलाहाबाद, मुद्रा इन्सटीट्यूट आफ कम्युनिकेशन्स अहमदाबाद, आईआरएमए आनंद, मोतीलाल नेहरू नेशनलइन्सटीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी अलाहाबाद, एनआईटीआईई मुंबई, बीआईटीएस पिलानी, चण्डीगढ़ युनिवर्सिटीजैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में शोध कर रहे हैं। तीन दिनों के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और विचार विमर्शकिया गया जैसे अकादमिक लेखन की आवश्यकता, समीक्षा प्रक्रिया, किसी भी अकादमिक लेख को प्रभावितकरने वाले कारक और थ्योरी का विकास आदि।प्रोफेसर विकास कुमार और प्रोफेसर प्रदीप्त पात्रा ने बिजनेस एण्ड मैनेजमेन्ट में पहले नेशनल डाक्टोरलकोलोक्वियम की अध्यक्षता की।