धन की कमी के कारण न्याय पाने से वंचित न रह कोई नागरिक: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति धर्म चन्द चैधरी

कोई भी नागरिक धन की कमी के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाए इसके लिए विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है जिसके माध्यम से पात्र व्यक्तियों को निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वानधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा जिला ट्रक आॅपरेटर परिवहन सहकारी सभी समिति बरमाणा के सभागार में ट्रक मालिको, चालकों, परिचालकों, मजदूरों, पंचायत प्रतिनिधियों व आम जनता के लिए आयोजित विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति धर्म चन्द चैधरी, न्यायधीश, उच्च न्यायालय हि0प्र0 एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हि0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला ने दी।

 

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उन्होंने कहा कि निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्ति सम्बन्धित न्यायालय जानकारी प्राप्त कर सकता है तथा प्रत्येक पंचायत में नियुक्त पैरा लीगल वाॅलेंटियर से सहायता अथवा परामर्श प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति जो गरीबी, अज्ञानता और अनपढ़ता के कारण अपने अधिकारियों की रक्षा करने में असमर्थ है वे निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है। उन्होंने इस अवसर पर आहवान किया कि वाहन चलाते समय प्रत्येक व्यक्ति का निर्धारित गति सीमा व नियमों का पालन करना नितांत आवश्यक है ताकि दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम किया जा सके।

 

इस अवसर पर न्यायमूर्ति धर्म चन्द चैधरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि एशिया की सबसे बड़ी ट्रक यूनियन के लिए इस प्रकार का पहला महत्वपूर्ण आयोजन बी.डी.टी.एस बरमाणा में आयोजित होने पर मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति सूर्यकान्त उच्च न्यायालय, हि0प्र0 ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके सफल आयोजन पर अपना बधाई संदेश दिया है।  इसके उपरांत उन्होंने सभी उपस्थित प्रतिभागियों व जन समूह को सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित नियमो का पालन करने की सलाह दी तथा सड़क सुरक्षा नियमो का उलंघन न करने व गाड़ी चलाते समय उचित सावधानी बरतने के लिए भी प्रेरित किया।  इसके अतिरिक्त मुख्यातिथि ने लोगों को दुर्घटना के समय प्रभावितों की मदद करने की अपील की साथ ही पर्यावरण संरक्षण के बारे तथा समाज में फैली नशाखोरी जैसी कुरूतियों पर रोक लगाने का भी आग्रह किया

इस अवसर पर मुख्यातिथि न्यायमूर्ति धर्म चन्द चैधरी का स्वागत करते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश व अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर राकेश ठाकुर चैधरी ने शिविर के कार्यक्रम, रूपरेखा व इसके महत्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।  इस अवसर पर उपायुक्त विवेक भाटिया ने केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का विस्तृत रूप से परिचायात्मक जानकारी प्रदान की। जब कि ए.एस.पी भागमल ठाकुर ने यातायात नियमो के बारे, प्रशासानिक अधिकारी, हि0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, शिमला गौरव महाजन ने लोगों को विधिक सेवा अधिनियम, 1987 के अंतर्गत दिए गए प्रावधानों के बारे, प्रधान जिला वार एशोशियसन बिलासपुर तेजस्वी शर्मा ने मोटर दुर्घटना अधिनियम के बारे में लोगों को अवगत करवाते हुए कहा कि वाहन चालक को वाहन चलाते समय सम्बन्धित दस्तावेजों की उपलब्धता होना आवश्यक है।

 

इस अवसर पर श्रम अधिकारी प्यारे लाल ने मजदूरो के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में तथा चिकित्सा अधिकारी डाॅ. ऋषि टण्डन ने एच0आई0वी0 व एड्स तथा डाॅ. अंकुर धर्माणी ने नशे के दुष्प्रभाव व उसके बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया तथा प्रबंधक एच.आर. ए.सी.सी प्रेम पाल शर्मा ने कंपनी द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य सुविधा का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया जब कि महा सचिव बी0डी0टी0एस0 रजनीश ठाकुर ने अपने सम्बोधन में सहकारी सभा के संदर्भ में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर अक्षी शर्मा ने मुख्यातिथि, उपस्थित सभी पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, प्रधान बी0डी0टी0एस0 बरमाणा जीत राम गौतम व सभी कर्मचारियों व जनसमूह का शिविर में भाग लेने व इसे सफल बनाने के लिए हार्दिक धन्यवाद किया।  इस शिविर में लगभग 800 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

 

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