विकास खंड गोहर की थरजुण पंचायत में बारीश के पानी का संचयन कर सिंचाई सुविधा मिल रही है। पंचायत में लोगों के सहयोग और मनरेगा से मिली राशि से जल संरक्षण का यह काम पूरा हुआ है। पानी रोकने के लिए चेकडैम बनाया गया है और संग्रहित पानी से ग्रामीण सिंचाई कर नकदी फसलों को पैदा कर आर्थिकी को मजबूत कर रहे है। जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी सरपंचों को पत्र लिखकर बारिश के जल का संचयन करने की अपील की है, ताकि गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत मे ही रहे।
लेकिन ग्रामीणों ने इस विचार को पहले ही फलीभूत कर दिखाया है। ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने खनयारी के पास गहरे नाले का पानी रोकने के लिए एक चेकडैम का प्रस्ताव रखा, प्रस्ताव को पास कर उद्यान विभाग को भेजा गया। विभाग ने चिन्हित स्थान का दौरा कर ग्रामीणों की मांग पर गौर किया, जिस पर विभाग की ओर ढाई लाख रुपये की राशि इस काम के लिए मिली। बजट बहुत कम था जिससे केवल डैम ही बन पाया। चेकडैम जमा पानी को लिफ्ट करने और संचयन करने के लिए स्टोर बनाने के लिए पंचायत ने मनरेगा में सेल्फ डालकर टैंक बनवाये और पानी को गहरे नाले से मोटर व पाइप लगाकर लिफ्ट कर टैंक तक पहुंचाया है। गांव में पानी पहुंचाने से ग्रामीणों ने खेतीबाड़ी को बढ़ावा देने की ठानी। लोग कृषि विभाग के पास पहुंचे जहां उन्हें पॉलीहाउस लगाने के सुझाव दिए गए। गांव में अब तक आधा दर्जन पॉलीहाउस लगाए जा चुके हैं।
जहां से फूलों की खेती की जा रही है। आगे भी लोग पॉलीहाउस लगाने की सोच रहे हैं। आज इस सूक्ष्म योजना के पानी के कारण छोटे किसान भी अपने खेतों की सिंचाई कर आलू, मटर, गोभी, बीन, लहसून, टमाटर, प्याज, धनिया आदि नकदी फसलों को उगाकर पैसा कमाने वाले बन गए हैं। एक छोटी से योजना आने वाले दिनों में गांव वालों की तकदीर बदलने वाली है। जल संरक्षण का महत्व जानने के बाद गांव में आई क्रांति दूसरों के लिए मिशाल से कम नहीं है। यह मिशाल जिला के गोहर विकास खंड और देश की सबसे कम उम्र की प्रधान जबना चैहान ने पेश की है। प्रधान जबना ने बताया कि प्रधान बनने के बाद गांव की जरूरतों, समस्यायों व संभावनाओं को चिन्हित किया। पानी से सिंचाई हो इस बात के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गई।
पंचायत के कामों को पूरा करने के लिए जनसहभागिता जरूरी है, जो बहुत कम मिल पा रही है। फिर भी विकास कार्यों के लिए प्रयास जारी है। पंचायत में जल संग्रह की और भीसम्भावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके अलावा पंचायत में सिंचाई सुविधा की कोई भी योजना नहीं है और ना ही दूर-दूर तक ऐसा कोई पानी का स्त्रोत है जहां से पंचायत के लिए उठाऊं सिंचाई योजना तैयार की जा सके।
सिंचाई सुविधा ना होने से पंचायत के लोग मात्र बारिश पर ही फसल बिजाई के लिए निर्भर रहते थे पंचायत प्रधान जबना चैहान का अपनी पंचायत को सिंचाई सुविधा से जोड़ने का एक सपना था जिसके लिए पंचायत प्रधान नई सरकार व विभाग के साथ मिलकर प्रयास भी किया, मगर पानी का स्रोत ना होने से पंचायत के लिए कोई भी उठाओ पेयजल योजना तैयार नहीं की जा सके। मगर अब पंचायत के लिए इस योजना के तैयार होने से पंचायत की इस गांव के लोग अब भविष्य में सिंचाई सुविधा से वंचित नहीं रहेंगे।
सरकार के द्वारा दी गई सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। आमतौर पर सरकार के द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ पंचायतें इस हद तक नहीं उठा पाती है। थरजुण पंचायत प्रयासरत है विभाग की ओर से जर संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। बारिश के जल को सहेजने के लिए विकास खंड की सभी पंचायतों को निर्देश दिए जा चुके हैं। निशांत शर्मा, खंड विकास अधिकारी गोहर।