जुम्मे की नमाज अता करने के बाद सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर सुपुर्द-ए-खाक किया गया। शुक्रवार सुबह ही जमान का पार्थिव शरीर तिरंगे से लिपटकर उनके पैतृक गांव टोका नगला पहुंचा था। सुपुर्द-ए-खाक की रसम के दौरान पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी समेत हजारों लोग उपस्थित रहे। दोपहर बाद राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। बता दें कि पांवटा साहिब की कुंडियों पंचायत के रहने वाले सीआरपीएफ जवान की असाम में गोली लगने से मौत हो गई थी। वीरवार सुबह ही जवान के परिजनों को इसकी सूचना दी गई।
जवान की पार्थिव देह गुवाहाटी एयरपोर्ट से हवाई मार्ग के जरिये दिल्ली पहुंचाई गई। इसके बाद सड़क मार्ग से पैतृक गांव लाया गया। सुपुर्द-ए-खाक की रस्म में एक घंटे की देरी हुई। परिजनों ने आरोप लगाया कि सीआरपीएफ के अधिकारी मौत की खबर को लेकर गुमराह कर रहे हैं। अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही सुपुर्द-ए-खाक की रस्म पूरी हो पाई। परिजनों ने ये भी आरोप लगाया कि बुधवार की रात अजमल खान ने बेटे से बात की थी तो उस वक्त वे किसी तनाव में नहीं थे। अचानक ऐसा क्या हुआ जो गोली से उनकी मौत हो गई। बहरहाल, काफी देर बाद सुपुर्द-ए-खाक की रस्म को पूरा कर लिया गया। हजारों लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी।