“जया देई, दोस्तो मां दुनिया मे एक साक्षात् भगवान का रूप होती है यह में ही नही बल्कि हम सभी मानते हैं, लेकिन इन माँ की कहानी कुछ और ही बयां करती है,जया देई लगभग 80 साल की जो चुकी हैं,यह खुद अपनी सुखी हुई जुबान से बताती हैं कि वो जब 13 बर्ष की रही होंगी तब उनकी शादी हो गयी ,ओर 20 बर्ष की उम्र तक पहुंचते पहुंचते विधवा हो गयी हालांकि उनके पति तब राजस्व विभाग में कानूनगो थे ,
पति के मरणोउपरांत बड़ी जद्दोजहद से बहुत सालों बाद जया माँ को 200 रुपये पेंशन लग गयी अपनी कोई संतान ना होने की वजह से उन्होंने एक बेटे को गोद ले लिया ,अब वो वेटा बहुत बड़ा हो गया है और कंही पर सरकारी नोकरी में बहुत बड़े ओहदे पर है ,लेकिन अफसोस जया माँ आज एक 4 वाई 6 के8 झोंपडी में गुजारा कर रही हैं और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रही हैं,वजह जो बो बताती हैं कि उनके उस वेटे ने उनकी लगभग कई बीघा जमीन अपने नाम करवा ली है, दोस्तो आज जया देई जी बहुत बुरे हालातों में जीवन बसर कर रही हैं , दोस्तो जया जी से मिलने के बाद मेरे कानों में एक पुराने गाने के बोल गूंज गए,,ऐसा कलयुग आएगा
कर्म भी होगा धर्म भी होगा लेकिन शर्म नही होगी
लेकिन ऐसा करने वाले याद रखें हम चुप नही बैठेंगे ओर इस तरह किसी भी मां को तिल तिल नही मरने देंगे ,संजय” बेसहारा मण्डी जिला में वृद्धा की दास्ताँ समाजसेवी संजय की जुबानी