रिश्वत लेने के आरोपी एस एच ओ को हाईकोर्ट से मिली जमानत, डीजीपी ने विभाग में भ्रष्टाचार रोकने को नए आदेश किए जारी

डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी, रेंज आईजी और एसएचओ के साथ वीसी के जरिये बैठक की. उन्होंने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी पुलिस अधिकारी को एसएचओ किसी नेता की सिफारिश पर न लगाएं बल्कि मेरिट और उसकी कार्यशैली को तवज्जो दें.

 

जमकर किरकिरी हुई है. हमीरपुर में एसएचओ रिश्वत कांड में पुलिस की साख पर बड़ा कलंक लगा है. अब डीजीपी मुख्यालय की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. एसएचओ के रिश्वत कांड  और फरारी मामले की जांच के लिए अब एसआईटी बनाने के आदेश डीजीपी मुख्यालय की ओर से दिए गए हैं.

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साथ ही आरोपी एसएचओ की प्रॉपर्टी की भी जांच होगी और ईडी से इस संबंध में ब्यौरा मांगा गया है. फिलहाल, पुलिस इस मामले में पूरी तरह से बैकफुट पर है, क्योंकि आरोपी एसएचओ चार से दिन फरार है और पुलिस उसके बारे में कुछ पता नहीं लगा पाई है.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते मंगलवार को हमीरपुर जिले में नादौन पुलिस स्टेशन के एचएसओ नीरज राणा 25 हजार रुपये रिश्वत लेने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान विजिलेंस ने ट्रैप लगाया था. जैसे ही उन्होंने रिश्वत के पैसे लिए तो विजिलेंस टीम ने उन्हें घेर लिया. लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी विजिलेंस टीम पर चढ़ाने का प्रयास करते हुए 25 हजार रुपये घूस लेकर फरार हो गए. बाद में उनकी गाड़ी से चिट्टा भी बरामद हुआ था. आरोपी एसएचओ नीरज राणा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर हमीरपुर पुलिस ने एसआईटी गठित की है.

डीजीपी संजय कुंडू की ओर से जारी आदेश और दिशा-निर्देशों के अनुसार, एसपी ऊना को भी आरोपी की गिरफ्तारी के लिए मदद करने को कहा गया है. क्योंकि आरोपी एसएचओ ऊना जिले का रहने वाला है. आरोपी इंस्पेक्टर की संपत्तियों की जांच के लिए एसपी ईओडब्ल्यूडी और प्रवर्तन निदेशालय को भी ब्योरा भेजने को कहा है. साथ ही सभी जिलों में तैनात एसएचओ के सालाना संपत्ति के ब्योरे को भी जमा कराने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.

दरअसल, डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी, रेंज आईजी और एसएचओ के साथ वीसी के जरिये बैठक की. उन्होंने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी पुलिस अधिकारी को एसएचओ किसी नेता की सिफारिश पर न लगाएं, बल्कि मेरिट और उसकी कार्यशैली को तवज्जो दें. नियुक्ति से पहले पुलिस अधिकारी की 360 डिग्री रिव्यू करें, जिसमें उसके काम, निष्पक्षता, ईमानदारी का पता किया जाए. इस काम के लिए वह पूर्व एसपी से भी संपर्क कर सकते हैं.मुख्यालय अधिकारियों का एक पूल तैयार करेगा, ताकि अफसरों की नियुक्ति में जिलों के एसपी को मदद मिल सके. वहीं, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के रिक्त पदों को जल्द भरने का भी फैसला लिया गया है, ताकि जिलों के एसपी के पास नियुक्ति के लिए ज्यादा संख्या में अधिकारी चयन करने के लिए उपलब्ध करें.

 

 

 

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