नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीपीएस को नियों के विपरीत जाकर नियुक्त करके उन्हें सुविधाएं दी थी। आज माननीय उच्च न्यायालय ने सभी सीपीएस को मंत्री के समान सुविधाएं देने पर रोक लगा दी है। बीजेपी उच्च न्यायायल के इस फ़ैसले का स्वागत करती है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी सीपीएस पिछले एक साल से प्रदेश में कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में आर्थिक संकट होने के बाद भी सरकार ने सीपीएस पर करोड़ों रुपये खर्च किए। जो प्रदेश के विकास कार्य में लगाए जा सकते थे। हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए तत्काल कार्रवाई करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने इस मामले को अटकाने, लटकाने और भटकाने का खूब प्रयास किया लेकिन उनकी एक भी नहीं चलने पाई। पहले हमारी याचिका को ख़ारिज करने के लिए अपील की लेकिन नाकाम हुए। इस मामले को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफ़र किए जाने की माँग की जिसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। अब समय आ गया है कांग्रेस को माननीय न्यायालय और प्रदेश के लोगों की जवाब देना होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने 6 विधायकों को सीपीएस लगा रखा है। इनमें रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की से विधायक संजय अवस्थी, दून से राम कुमार चौधरी, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल शामिल है।