समारोह में देर रात तक बज रहे कानफोड़ू डीजे ने लोगों की रात का नींद और चैन छिन लिया है। नियम कायदों को ताक पर रखकर देर रात तक तेज आवाज में बज रहा डीजे लोगों की परेशानी का सबब बन रहा है।नगर में इन दिनों शादी का मौसम पूरे शवाब पर है। इन विवाह समारोह में देर रात तक बज रहे कानफोड़ू डीजे ने लोगों की रात का नींद और चैन छिन लिया है। प्रदूषण विभाग जिसकी सबसे ज्यादा जिम्मेदारी बनती है उसने अभी तक इसके ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं की है ना ही लोगों को इस विषय में अभी तक जागरूक किया है
नियम कायदों को ताक पर रखकर देर रात तक तेज आवाज में बज रहा, डीजे लोगों की परेशानी का सबब बन रहा है। जिससे सबसे अधिक परेशानी बीमारी से जूझ रहे मरीज और बुजुर्गो के साथ पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को उठानी पड़ती है। दूसरी ओर डीजे की धुन पर मस्ती करने वालों को ना तो कोर्ट की गाइड लाइन की परवाह है और ना ही शासन-प्रशासन द्वारा निर्धारित ध्वनि की निर्धारित सीमा की चिता। वहीं चंद रूपए कमाने के चक्कर में टेंट हाउस और डीजे संचालक भी ध्वनि प्रदूषण के लिए निर्धारित नियम-कानून को ताक में रख रहे हैं। खुलेआम हो रहे कानून की इस अनदेखी की ओर से पुलिस प्रशासन प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के आंख मूंद लेने से लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वे अपनी इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए किससे गुहार लगाए। जबकि नियम के मुताबिक रात के दस बजे के बाद डीजे का प्रयोग वर्जित है।
हाई डेसिबल पर बजने वाले डीजे ने उड़ाई लोगों की नींद नगर में इन दिनों शादी सहित अन्य कार्यक्रमों में डीजे के प्रयोग का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। यही वजह है कि शादी-विवाह आदि उत्सवों में मैरिज गार्डनों एवं अन्य कार्यक्रम स्थलों में देर रात तक हाई डेसिबल में डीजे के साउंड से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उसके बाद भी शहर में डीजे के आवाज पर कोई प्रतिबंध दिखता नजर नहीं आ रहा है।