श्री गुरु गोबिंद सिंह जी राजकीय महाविद्यालय, पांवटा साहिब की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई द्वारा 13 फरवरी 2025 से 19 फरवरी 2025 तक चलने वाले सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन बड़े उत्साह और जोश के साथ किया गया। इस शिविर का उद्देश्य युवाओं में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना और उन्हें समाज सेवा के प्रति जागरूक बनाना है। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि श्री महेश खुराना, नगर पार्षद, नगर परिषद पांवटा साहिब एवं अध्यक्ष, रोटरी क्लब पांवटा साहिब रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विभव कुमार शुक्ला उपस्थित रहे।
शिविर का उद्देश्य और उद्घाटन समारोह
कार्यक्रम की शुरुआत एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. शीतल शर्मा के औपचारिक स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने शिविर की थीम “युवा और डिजिटल साक्षरता” पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आधुनिक युग में डिजिटल साक्षरता एक आवश्यक कौशल बन गई है, और एनएसएस स्वयंसेवकों का यह कर्तव्य है कि वे समाज के विभिन्न वर्गों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करें। उन्होंने एनएसएस के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह संगठन केवल सामाजिक कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों के व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अपने उद्घाटन संबोधन में मुख्य अतिथि श्री महेश खुराना ने एनएसएस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना केवल एक पाठ्येतर गतिविधि नहीं है, बल्कि यह समाज सेवा का एक सशक्त माध्यम है, जो छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देता है। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए अपने ज्ञान और ऊर्जा का उपयोग करें। उन्होंने विशेष रूप से डिजिटल साक्षरता पर जोर देते हुए कहा कि आज के दौर में तकनीकी ज्ञान हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है, और एनएसएस स्वयंसेवक इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्राचार्य डॉ. विभव कुमार शुक्ला ने भी छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि एनएसएस इकाई ने पूरे वर्ष विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लिया है। उन्होंने स्वयंसेवकों को प्रेरित किया कि वे इसी जोश और उत्साह के साथ आगे भी समाज सेवा में योगदान देते रहें। उन्होंने डिजिटल साक्षरता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह विषय केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी इसे प्रसारित करना आवश्यक है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और मुख्य आकर्षण
उद्घाटन समारोह में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें एनएसएस स्वयंसेवकों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। खासतौर पर एनएसएस की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक नाटी नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया और इसे खूब सराहा गया। इस नृत्य प्रस्तुति ने हिमाचली संस्कृति की झलक प्रस्तुत की और सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इसकी सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. अरुण डफरैक ने सभी अतिथियों, आयोजकों और स्वयंसेवकों का धन्यवाद किया और सात दिवसीय शिविर की सफलता की कामना की। उन्होंने एनएसएस के उद्देश्यों और महत्व को दोहराते हुए कहा कि यह शिविर स्वयंसेवकों को समाज सेवा और नेतृत्व कौशल सीखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने विचार साझा किए और एनएसएस इकाई के प्रयासों की सराहना की। श्री अशरफ अली (सुपरिंटेंडेंट ग्रेड-1), प्रो. किरण शर्मा, डॉ. उषा जोशी, डॉ. खतरी तोमर, प्रो. प्रतिभा, और कल्याण राणा ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके अतिरिक्त, श्रीमती राखी डंग (कोषाध्यक्ष, रोटरी क्लब पांवटा साहिब) और श्री किशोर आनंद (सचिव, रोटरी क्लब पांवटा साहिब) भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे और उन्होंने एनएसएस की गतिविधियों की सराहना की।
आगामी गतिविधियाँ और सात दिवसीय शिविर की रूपरेखा
यह सात दिवसीय शिविर 13 फरवरी 2025 से 19 फरवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें स्वयंसेवक डिजिटल साक्षरता पर जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न गतिविधियों में भाग लेंगे। शिविर के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें स्वयंसेवक आम जनता को इंटरनेट, ऑनलाइन भुगतान प्रणाली, साइबर सुरक्षा और अन्य डिजिटल उपकरणों के उपयोग के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलावा, शिविर में स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण गतिविधियाँ, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
एनएसएस का यह सात दिवसीय शिविर छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव साबित होगा, जो न केवल उन्हें समाज सेवा के प्रति जागरूक बनाएगा, बल्कि उनके नेतृत्व कौशल, टीम वर्क और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को भी मजबूत करेगा। उद्घाटन समारोह की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि महाविद्यालय के छात्र एनएसएस के माध्यम से समाज सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित हैं और वे अपने ज्ञान तथा श्रम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस शिविर की गतिविधियाँ आने वाले दिनों में और अधिक प्रेरणादायक होंगी, जिससे न केवल स्वयंसेवकों को बल्कि पूरे समाज को लाभ मिलेगा।