पांवटा साहिब में प्रशासन और राजनीति के बीच एक नया मोड़ तब आया जब सोशल मीडिया पर एसडीएम गुंजित सिंह चीमा और भाजपा नेता डॉ. राजीव बिंदल के बीच हुई नोकझोंक का वीडियो तेजी से वायरल हो गया। यह वीडियो अब सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक ईमानदारी और राजनीतिक दखल के बीच खिंची एक स्पष्ट रेखा बन गया है।
भाजपा जहां इस वीडियो को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने में जुटी है, वहीं आम जनता, किसान संगठन, युवा वर्ग और सोशल मीडिया यूज़र्स एसडीएम गुंजित सिंह चीमा की कार्यशैली की खुलकर सराहना कर रहे हैं। फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोग उन्हें “जनसेवा का प्रतीक” और “पांवटा साहिब का सच्चा सेवक” कह रहे हैं।
दबंगई से कार्य करने वाले एसडीएम गुंजित सिंह चीमा को लेकर लोगों का कहना है कि वे दिन-रात बिना किसी भेदभाव के हर समुदाय के लोगों के बीच विश्वास बनाए रखने का कार्य कर रहे हैं। उनका प्रशासनिक कार्य करने का तरीका तेज, पारदर्शी और जनहितकारी है। युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए उनके द्वारा चलाए गए अभियान हों या किसानों की समस्याएं सरकार तक पहुंचाना—हर मोर्चे पर वह सक्रिय रहते हैं।

स्थानीय किसान संगठनों ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि एसडीएम चीमा हर किसान की आवाज को प्रशासनिक गलियारों से उठाकर सरकार तक पहुंचाते हैं। वह किसी भी राजनीतिक दबाव में नहीं आते और हर फैसला जनहित में करते हैं। कई वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि ऐसा ईमानदार और संवेदनशील अधिकारी पांवटा में वर्षों बाद देखने को मिला है।
बीते दिनों जब एक संवेदनशील स्थिति में क्षेत्र की महिलाओं और लोगों की सुरक्षा का प्रश्न उठा, तो एसडीएम चीमा स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और बिना किसी भय के लोगों की जान बचाने के लिए मोर्चा संभाला। उनकी यह तत्परता और निडरता उन्हें आम अधिकारियों से अलग बनाती है। जहां पर पत्थर और लाठी चार्ज जनता पुलिस पर कर रही थी ऐसे में एसडीएम द्वारा डंडा उठाकर खुद का बचाव करना कुछ सामाजिक तत्वों द्वारा मुद्दा बना दिया गया और कुछ पत्तलकार नाजायज रूप से आधी अधूरी वीडियो वायरल करने लग गए b
जनता का कहना है कि कुछ नेता अपनी राजनीतिक चमक बढ़ाने और चर्चा में रहने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। लोग यह भी कह रहे हैं कि ऐसे नेताओं को पहले अपने कामों का मूल्यांकन करना चाहिए, फिर प्रशासन पर सवाल उठाना चाहिए।
पांवटा साहिब में एसडीएम गुंजित सिंह चीमा आज सिर्फ एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं, बल्कि ईमानदारी, तत्परता और जनसेवा का प्रतीक बन चुके हैं। जनता का विश्वास, सोशल मीडिया पर उमड़ा समर्थन और ज़मीनी सराहना यह साफ बताती है कि पांवटा साहिब को एक कर्मठ, निर्भीक और जनप्रिय एसडीएम मिला है, जिसकी छवि कोई वीडियो या राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं बिगाड़ सकती।