पांवटा साहिब : SDM को खालिस्तानी और कीमा बताने वाले जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल , धीरज गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज

 

पांवटा साहिब, भारतीय जनता पार्टी द्वारा पांवटा साहिब में आयोजित एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान हुए “चीमा किमा नहीं चलेंगे” जैसे नारों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह नारा कथित तौर पर पांवटा साहिब के एसडीएम गुंजित सिंह चीमा के खिलाफ लगाया गया, लेकिन इसका गहरा असर सिख समुदाय पर पड़ा है, जिसने इसे अपने सम्मान से जोड़कर गंभीर आपत्ति जताई है।

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घटना के बाद सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारा परिसर में एकत्र होकर तीखी प्रतिक्रिया दी और चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा कार्यकर्ता सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो सिख समुदाय चुप नहीं बैठेगा।

मीडिया से बातचीत में समुदाय के लोगों ने कहा कि कुछ समय पहले भी सोशल मीडिया पर खालिस्तान से जुड़े मुद्दे को उछालकर सिखों को निशाना बनाया गया था। अब एक बार फिर सिख समुदाय को अप्रत्यक्ष रूप से टारगेट किया जा रहा है, जबकि एसडीएम गुंजित सिंह चीमा का किसी राजनीतिक विवाद से कोई लेना-देना नहीं है।

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समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि “चीमा” केवल एक अधिकारी का नाम नहीं, बल्कि सिख समाज की एक प्रतिष्ठित पहचान भी है। ऐसे में इस प्रकार की सार्वजनिक टिप्पणी और नारेबाजी से पूरे समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।

सिख नेताओं ने मुख्यमंत्री, प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि नारेबाजी करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों।

पांवटा साहिब के राजनीतिक और सामाजिक वातावरण में इस विवाद के बाद हलचल मची हुई है। अब देखना यह होगा कि भाजपा नेतृत्व और प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं।

उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित प्रदेश अध्यक्ष द्वारा रैली का आयोजन किया गया । जिसमें एक बार फिर सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले गुंजित सिंह चीमा के विरुद्ध नारेबाजी की गई, जिसमें चीमा-किमा नहीं चलेगा जैसे नारों का उपयोग किया गया। इसका भी हम पुरजोर विरोध करते हैं और कार्रवाई की मांग करते हैं। क्योंकि एसडीएम गुंजित चीमा सिख समुदाय संबंध रखते हैं और उनके सरनेम के साथ इस तरह के भद्दे शब्दों का इस्तेमाल करना बिल्कुल भी जायज नहीं है।अगर अगले दो दिनों के भीतर शरारती तत्वों पर कार्रवाई नहीं होती है तो सिख समुदाय उग्र आक्रोश के साथ सड़कों पर उतरेगा और उनके ऊपर हो रही अत्याचारों का जवाब देगा।

पांवटा साहिब में अब सिक्खों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने को लेकर शिकायत दर्ज करवाई गई। एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा को सोशल मीडिया पर कुछ उपद्रवियों द्वारा खालिस्तानी लिखा गया। जिससे सभी सिक्खों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और जिसकी शिकायत थाना प्रभारी को सौंपी गई है।

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