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हिमाचल प्रदेश में अब होटलों और रेस्टोरेंट में मेन्यू में कीमत के साथ-साथ खाने की मात्रा भी लिखी जाएगी. प्रदेश के होटलों और रेस्तरां में अब ये नई व्यवस्था लागू होने जा रही है. प्रदेश सरकार और विधिक माप विज्ञान विभाग ने यह सुनिश्चित करने का फैसला लिया है कि होटल और रेस्तरां में परोसे जाने वाले खाने की मात्रा स्पष्ट रूप से मीनू कार्ड पर वजन के अनुसार अंकित होनी चाहिए.
हिमाचल के होटलों में नई व्यवस्था
दरअसल अभी तक ज्यादातर होटलों में खाने की मात्रा के लिए हाफ या फुल जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है और उसी के अनुसार ग्राहकों को भोजन परोसा जाता है. मगर इसकी कोई मानक परिभाषा नहीं होती है. नतीजा ये होता है कि एक ही डिश अलग-अलग होटलों में अलग-अलग मात्रा और कीमत में परोसी जाती है. जिससे ग्राहकों को भी भ्रम और असंतोष की स्थिति का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब मेन्यू कार्ड में कीमत के साथ-साथ खाने की क्वांटिटी भी लिखी जाएगी.
“यह आदेश प्रदेश स्तरीय है और पूरे हिमाचल प्रदेश के होटलों में इसे लागू किया जाना है. विभाग ने सभी होटल व्यवसायियों से आग्रह किया है कि वह अगले निरीक्षण से पहले अपने मेन्यू कार्ड को निर्धारित मानकों के अनुसार संशोधित कर लें. यह नियम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत लागू किया गया है.” – प्रवीण सिउटा, सहायक नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान विभाग बिलासपुर
ग्राम में लिखी जाएगी खाने की मात्रा
विधिक माप विज्ञान विभाग बिलासपुर के सहायक नियंत्रक प्रवीण सिउटा ने बताया कि अब जब आप किसी होटल या रेस्तरां में खाना खाने जाएंगे और वहां दाल मखनी, मटर पनीर, मिक्स वेज, छोले भटूरे या कोई भी अन्य डिश ऑर्डर करेंगे, तो मेन्यू कार्ड पर साफ-साफ लिखा होगा कि वह डिश कितने ग्राम में परोसी जा रही है. इस नियम का उद्देश्य ग्राहकों को यह जानने का अधिकार देना है कि वे जिस कीमत का भुगतान कर रहे हैं, उसके बदले में उन्हें कितना खाना मिल रहा है.
होटल-रेस्तरां मालिकों को किया जागरूक
विधिक माप विज्ञान विभाग ने बिलासपुर जिले के विभिन्न होटलों और रेस्तरां में निरीक्षण शुरू कर दिया है. प्रथम चरण में विभाग द्वारा होटल व रेस्तरां मालिकों को इस नियम के बारे में जागरूक किया गया है, ताकि वे अपने मेन्यू कार्ड में जरूरी बदलाव कर सकें और ग्राहकों को बेहतर सेवा दे सकें. यह बदलाव उपभोक्ता अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान
प्रवीण सिउटा ने कहा कि ग्राहकों को उनकी खरीदे गए भोजन की स्पष्ट जानकारी देना होटल व्यवसायियों की जिम्मेदारी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले चरण में सिर्फ जानकारी और चेतावनी दी जा रही है, लेकिन दूसरे चरण में विभाग औचक निरीक्षण करेगा. इस दौरान अगर किसी होटल या रेस्तरां में मेन्यू कार्ड पर खाने की मात्रा वजन में नहीं दी गई होगी, तो सीधे मौके पर ही चालान किया जाएगा. इसमें जुर्माने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. इसके तहत 2000 से 25000 तक का जुर्माना संभव है, जो नियमों की गंभीरता को दर्शाता है.