राज्य में स्कूल और कॉलेज 7 सितंबर तक बंद रहेंगेः शिक्षा मंत्री

हिमाचल में 8 सितम्बर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाएगा

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शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए आज उच्च और स्कूल शिक्षा विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण भूस्खलन, पेड़ गिरने, सड़कें अवरुद्ध होने और शैक्षणिक संस्थानों सहित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। लगभग 743 स्कूल और कॉलेज प्रभावित हुए हैं, जिनका अनुमानित नुकसान लगभग 50 करोड़ रुपये है।

मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि सभी विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और डाइट 7 सितंबर 2025 तक बंद रहेंगे। शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को भी इस अवधि के दौरान संस्थानों में आने से छूट दी गई है। संस्थानों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं कि जहां तक संभव हो, कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएं और विद्यालय की संपत्ति और अभिलेखों की सुरक्षा में सतर्क रहें।

शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि आपदा पश्चात् आवश्यकता मूल्यांकन (पीडीएनए) के अंतर्गत प्राप्त धनराशि का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाए और 75 प्रतिशत से अधिक क्षति वाले संस्थानों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण मरम्मत और जीर्णोद्धार कार्यों को सुनिश्चित करने के लिए नियमित भौतिक निगरानी के महत्व पर भी बल दिया।

शिक्षा मंत्री ने बैठक के दौरान 5 सितंबर को होने वाले शिक्षक दिवस समारोह की तैयारियों की भी समीक्षा की, जिसमें उत्कृष्ट शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। योग्य शिक्षकों को प्रशंसा प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने 8 सितंबर को आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की तैयारियों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जब हिमाचल को पूरे देश में संपूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि राज्य सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और शिक्षकों के निरंतर प्रयास और समुदाय की सक्रिय भागीदारी का परिणाम है। यदि प्रतिकूल मौसम की स्थिति बनी रहती है, तो समारोह प्रतीकात्मक रूप से आयोजित किया जाएगा।

अन्य प्रमुख कार्यसूची में स्कूल और कॉलेज संवर्गों की पदोन्नति के मामले, राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल और अटल आदर्श विद्यालयों का कार्यान्वयन, ललित कला, मनोविज्ञान और लोक प्रशासन जैसे नए विषयों की शुरुआत, साथ ही बागवानी को एक व्यावसायिक विषय के रूप में शामिल करना शामिल था। उन्होंने निर्देश दिए कि शिक्षकों का स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति केवल आवश्यकता के आधार पर ही की जानी चाहिए, ताकि स्कूलों में शैक्षणिक कार्य बाधित न हो। बेहतर निगरानी के लिए प्रतिनियुक्ति पर शिक्षकों की एक विस्तृत सूची भी तैयार की जानी थी। खेल छात्रावासों से संबंधित मुद्दों की भी समीक्षा की गई और अधिक प्रशिक्षकों की भर्ती की संभावना तलाशने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अपार खेल प्रतिभाएं हैं जिन्हें तराशने की आवश्यकता है।

शिक्षा मंत्री ने लंबित पदोन्नति मामलों की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि महाविद्यालय प्रधानाचार्य संवर्ग के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक 4 सितंबर को निर्धारित की गई है और सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। अन्य पदोन्नति प्रक्रियाओं में भी तेजी लाई जा रही है तथा उन्हें शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने आशा व्यक्त की कि शिक्षा विभाग इस क्षेत्र में उत्कृष्टता लाने के लिए अपने समर्पित प्रयास जारी रखेगा और हिमाचल प्रदेश को देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक बनाने की दिशा में काम करेगा।

शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को मजबूत करने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत के. शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने विभाग की प्रमुख प्राथमिकताओं और चुनौतियों को रेखांकित किया।

परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

 

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