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हिमाचल प्रदेश के ऊना सदर से एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान रेप केस दर्ज होने के बाद अंडरग्राउंड हो गए हैं. उधर, पुलिस आरोपी एसडीएम पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं. इसी कड़ी में फोरेंसिक टीम ने ऊना जिला मुख्यालय पर स्थित सर्किट हाउस में पहुंचकर साक्ष्य जुटाए.
मंगलवार को ऊना जिला की युवती ने एचएएस अधिकारी एवं एसडीएम ऊना पर दुराचार करने के गंभीर आरोप लगाए थे और केस दर्ज किया गया था. युवती की शिकायत के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच को तेज करते हुए फोरेंसिक एक्सपर्ट को घटनास्थल का दौरा करवाकर साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया. हालांकि इस मामले में आरोपो से घिरे एसडीएम ऊना अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाए हैं. एएसपी ऊना सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि पुलिस ने जांच को आगे बढाते हुए फोरेंसिक टीम की मदद ली है और रेस्ट हाउस के कमरा नंबर 104 की जांच की है.
जानकारी के अनुसार, फोरेंसिक टीम ने रेस्ट हाउस के उस कमरे का निरीक्षण किया, जहां कथित घटना घटित होने की बात सामने आई है. टीम ने मौके से कई नमूने और अन्य अहम सबूत जुटाए हैं, जिन्हें वैज्ञानिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा. पुलिस का कहना है कि इन साक्ष्यों से जांच को मजबूती मिलेगी. एएसपी ऊना सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच को तेजी से आगे बढ़ा रही है और फोरेंसिक टीम की मदद ली गई है. उन्होंने बताया कि आरोपी एसडीएम की तलाश की जा रही है और पुलिस की कई टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.
ऊना जिले की ही एक ताइक्वांडो खिलाड़ी युवती ने एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर गंभीर आरोप लगाए थे. युवती ने बताया कि विश्व मोहन देव चौहान से उसकी बातचीत सोशल मीडिया के जरिये हुई थी. इस दौरान एसडीएम ने उसे अपने दफ्तर मिलने बुलाया था औऱ बाद में कोर्ट चैम्बर में उसके साथ जबरन संबंध बनाए. वहीं, बाद में 10 अगस्त को सरकारी रेस्ट हाउस में भी उसे बुलाया और फिर रेप किया. इस घटना के बाद से ही एसडीएम भूमिगत हो गए हैं. गौर रहे कि एसडीएम 2017 में हिमाचल प्रशासनिक सेवा के टॉपर रहे हैं.