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मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग-154 पर बुधवार दोपहर उस समय एक बड़ा हादसा टल गया, जब 40 सवारियों से भरी हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस का पिछला टायर अचानक निकल गया। घटना परौर के पास राधा स्वामी सत्संग के तीखे मोड़ पर हुई। गनीमत रही कि बस उस समय चढ़ाई पर थी, जिससे चालक ने आसानी से बस पर काबू पा लिया और सभी यात्री बाल-बाल बच गए।
जानकारी के अनुसार परिवहन निगम की यह बस जम्मू के कटरा से पालमपुर आ रही थी। दोपहर करीब 2 बजे जब बस परौर के पास पहुंची तो एक तीखे मोड़ पर अचानक तेज झटके के साथ बस का पिछला टायर निकलकर अलग हो गया। इस अप्रत्याशित घटना से बस में बैठी सवारियां सहम गईं। चालक की सूझबूझ और बस की धीमी गति के कारण एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। घटना के बाद यात्रियों को दूसरी बस की व्यवस्था कर उनके गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया गया।
इस घटना ने परिवहन निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कटरा से पालमपुर की दूरी लगभग 258 किलोमीटर है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने लंबे रूट पर बस भेजने से पहले उसकी तकनीकी जांच क्यों नहीं की गई? अक्सर देखा जाता है कि टायर बदलने के बाद ढीले छोड़े गए नट-बोल्ट ही ऐसी घटनाओं का कारण बनते हैं। इस लापरवाही के चलते निगम का तकनीकी स्टाफ भी सवालों के घेरे में है।
इस संबंध में जब पालमपुर डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) नितेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बस के चालक और परिचालक के अनुसार घटना से कुछ ही देर पहले यात्री द्रमण में खाना खाने के लिए रुके थे। वहां उन्होंने टायरों की जांच की थी, लेकिन उस समय कोई तकनीकी खामी नजर नहीं आई। आरएम शर्मा ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए बस के संपूर्ण निरीक्षण और घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक जेटीओ की ड्यूटी लगा दी गई है। जांच के बाद ही हादसे के असली कारणों का पता चल सकेगा।