सिरमौर ,शिलाई की जनता व परिजन चाहती है कि बबली -नेत्र मडर केस की जांच कहाँ तक पहुंची ,
आज 10 महीने से ऊपर हो गए है तो इससे पर्दा कियों नही उठ रहा क्या इसमे भी रशूखदार लोगो को बचाया जा रहा है या किसी का हाथ होने के कारण केस को दबाया जा रहा है आपको बता दे कि 15 अगस्त को बबली अपनी बहन और भाई से मिलने पांवटा आ रही थी तो रास्ते में कफोटा के पास सरकारी बस खराब हो गई फिर दूसरी बस ली उसका भी टायर पेंचर होने से बबली किसी जान पहंचान के साथ लिफ्ट लेकर पांवटा के लिए आ रही थी पर बबली बीच रास्ते से ही गयाब हो गई
उसकी बहन का उससे 2:30 बजे के तक सम्पर्क हो रहा था पांवटा में उसका भाई और बहन उसका इंतजार कर रहे थे बबली का फोन 2:30 बजे के बाद ऑफ आने लगा उन्हें चिंता होने लगी और उन्होंने बस की तलाश और बबली को ढूढने लगे जब नही मिली तो
पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज कराई परन्तु 3 दिन बाद बबली और नेत्र की सिरमौर ताल पर लाशें मिली उसके बाद पुलिस जांच में जुट गई शिलाई के लोगो ने जगह जगह शान्ति पूर्वक तरीके से कमरऊ शिलाई ,सतोंन में केंडल मार्च भी निकाला आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते थे परन्तु पुलिस ने जांच का भोरसा दिया उसके बाद परिजन हिमाचल मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भी और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य से भी मिले जिससे उन्हें जांच का आश्वाशन मिला इसकी जांच पहले सिरमौर पुलिस कर रही थी परंतु मुख्यमंत्री के आदेशों से जांच का जिमा CID को सौंपा गया उन्होंने भी अपनी इतनी गहनता से जांच नही की जिससे केश ठंडे बस्ते में चला गया और आज तक कोई नतीजा नही निकला पुलिस की पोस्ट माटम रिपोर्ट में पहले पानी में डूबने व मिट्टी गले में जाने से मौत बताई गई फिर विसरा की पोस्टमाटम रिपोर्ट में जहर खाने से बताई गई अगर मौत डूबने या जहर खाने से हुई तो अलग अलग पोस्टमाटम रिपोर्ट कियो जिससे परिजनों को इस केश में किसी बड़े का हाथ होने की शंका है
शिलाई के लोग व परिजन बिल्कुल इस जांच से खुश नही है खुद एसपी सिरमौर परिजन के घर जाकर जांच का आश्वाशन दिया था पर आज तक कुछ नही हुवा परिजन व शिलाई की जनता इस जांच से बिल्कुल खुश नही और मुख्यमंत्री व हिमाचल सरकार से अपील करते है कि इसकी जांच CBI को सौंप कर दूध का दूध और पानी का पानी करे ताकि परिजनों व सिरमौर की जनता को न्याय मिले !