कोटखाई कांड में नया खुलासा हुआ है। अब शायद सीबीआई ही पर्दाफाश करेगी कि सत्ता के साथ रहने वाले वो ‘सर लोग’ कौन हैं, जिन्होंने असली अपराधियों को बचाने के लिए भाड़े पर अभियुक्त खड़े कर दिए। पुलिस लॉकअप में मारे गए नेपाली युवक सूरज की पत्नी ममता ने खुलासा किया है कि कुछ लोगों ने उसके पति को ‘गरीबी दूर करने’ का लालच देकर इस केस में फंसाया और फिर लॉकअप में उसकी हत्या भी कर दी गई।
ममता के अनुसार सूरज को आश्वासन दिया गया था कि सबूतों के अभाव में वह 6 माह के भीतर जेल से छूट जाएगा और फिर परिवार के साथ आराम से अपनी शेष जिंदगी जी पाएगा। शायद यही कारण था जो मेडिकल जांच के दौरान पूछने वालों को सूरज खुशी से हंस- हंस कर जवाब दे रहा था कि, “हां मैंने रेप किया है
सूत्रों के अनुसार पब्लिक में मामला बहुत अधिक भड़क जाने से सूरज का हौसला डगमगा गया था और वह सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो गया था। ऐसे में पुलिस एकबार फिर से कटघरे में है कि उसने सूरज को लॉकअप में मुख्य अभियुक्त राजू के साथ क्यों रखा? क्यों नहीं उसे सुरक्षा दी गई?
पत्रकार संजीव महाजन ने सूरज की लॉकअप में हत्या के बाद उसकी पत्नी ममता से बातचीत की तो चौंका देने वाले रहस्योद्घाटन हुए। दैनिक भास्कर में छपी उनकी रिपोर्ट के अनुसार ममता ने कहा, “मेरे पति सूरज ने किसी को कुछ भी बताने से इनकार किया था। कहा था कि कोई कुछ भी पूछे तो बोलना कि कुछ नहीं पता। लेकिन अब उन्हें मार दिया गया है, इसलिए अब सच बताऊंगी। चाहे अब कोई मेरी जान भी ले ले।”
ममता ने कहा,“पांच जुलाई को दो लोग हमारे घर आए, सूरज से बातें कीं और चले गए। सूरज को लालच देकर फंसाया, मैं उन दोनों को पहचान सकती हूं। सूरज को लॉकअप में इसलिए मारा गया, क्योंकि वह सरकारी गवाह बनने को राजी हो गया था। सूरज ने कहा था कि 6 महीने में जेल से छूटकर आ जाएंगे, गरीबी मिट जाएगी। ये भी कहा था कि उनके जेल से आने से पहले ही ‘सर लोग’ तुझे नेपाल भिजवा देंगे।”
ममता ने कहा, “चार जुलाई को जिस दिन गुड़िया का अपहरण हुआ, मैं और सूरज सुबह से शाम तक खेत में ही काम कर रहे थे। सुबह झाड़ काटे और शाम को सेब की फसल में स्प्रे की, पूरे दिन सूरज कहीं नहीं गए और रात को भी घर पर ही थे। अगले दिन 5 तारीख को राजू (इस केस का मुख्य आरोपी,जो अब सूरज का हत्यारोपी भी है) घर के बाहर आया, उसके साथ दो और लोग थे। उन्होंने मेरे पति से कुछ बात की और फिर चले गए। फिर 7 जुलाई को पुलिस मेरे पति को ले गई। तब तक मुझे नहीं पता था कि गुड़िया की हत्या हो चुकी है। नौ तारीख को राजू और छोटू घर के बाहर आए थे। एक बागवान, जिसके बेटे को भी पुलिस ने पकड़ा है, के घरवालों ने बताया कि गुड़िया की हत्या हुई है, इसलिए पुलिस लेकर गई है। फिर रात को सूरज घर आ गए।”
ममता के अनुसार, “सूरज ने बताया कि लड़की की लाश मिली है, जिस कारण पुलिस पूछताछ के लिए ले गई थी। राजू को छोड़कर हम सभी को घर भेज दिया है। नौ तारीख को राजू और छोटू घर के बाहर आए और सूरज को बुलाया। उसी दौरान वहां दो लोग और आए। उनकी उम्र 30 के आसपास रही होगी। अगले दिन राजू, छोटू और सुभाष तीनों आए और सूरज को साथ ले गए।
ममता ने कहा कि, “सूरज ने जाने से पहले आधे घंटे तक मुझसे बातें कीं। उसने बच्चों को गले लगाते हुए कहा कि अच्छी जिंदगी जीने के लिए थोड़े कष्ट तो झेलने ही पड़ेंगे, अब हम सभी नेपाल में अपने घर पर मिलेंगे। ‘सर लोग’ खुद यहां आएंगे और सबको नेपाल भेज देंगे। मैं छह महीने बाद सीधा नेपाल आ जाऊंगा। हमारी जमीन जो भाइयों के पास है, हम उसे पैसे देकर छुड़ा लेंगे। मैंने काफी पूछा, लेकिन उसने ये नहीं बताया कि पैसे कहां से आएंगे और उसके बाद वे चले गए। फिर उनके पकड़े जाने की खबर आई और अब मौत की।”
ममता ने रोते हुए कहा, “मेरे पति को लालच देकर फंसाया गया है। इसमें बड़े साहब लोग शामिल हैं और वे मेरी भी जान ले सकते हैं। लेकिन मैं डरती नहीं। अब तक पति और बच्चों के कारण चुप थी, पर अब उन्हें नहीं छोडूंगी। पुलिस आए तो मैं सब सच बोलूंगी। मुझे अगर उन लोगों की तस्वीरें दिखाई जाएं तो पहचान लूंगी।”