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भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में कार्यरत कांस्टेबल रमन सिंह (34) का ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से निधन हो गया। उनके असामयिक निधन से न केवल उनके पैतृक गांव बल्कि पूरे क्षेत्र और विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
सराहन में थी तैनाती, ड्यूटी के दौरान बिगड़ी तबीयत
जानकारी के अनुसार हमीरपुर के नाडियाना रगड़िया (झनियारा) निवासी कांस्टेबल रमन सिंह सराहन (रामपुर) में तैनात थे। 18 दिसम्बर काे शाम करीब सवा 7 बजे जब वह ड्यूटी पर तैनात थे ताे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करवाई गई, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने उनके निधन का कारण हृदयाघात बताया है।
शनिवार को जब रमन सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नाडियाना रगड़िया पहुंचा तो वहां कोहराम मच गया। बेटे के पार्थिव शहीर काे तिरंगे में लिपटा देखकर माता सुनीता देवी फूट-फूट कर राेने लगीं ताे वहीं पत्नी तमन्ना ठाकुर बेसुध हो गईं। परिजनों के विलाप से हर किसी की आंखें नम हो गईं। कांस्टेबल रमन सिंह अपने पीछे माता और पत्नी के अलावा 2 नन्हे जुड़वां बेटों को छोड़ गए हैं, जिनके सिर से अब पिता का साया उठ चुका है।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद रमन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान और धार्मिक परंपराओं के अनुसार संपन्न हुआ। इस दुखद बेला पर आईटीबीपी के अधिकारियों और जवानों की टुकड़ी ने अपने साथी को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम सलामी दी। वहीं चाचा के लड़के ने जवान की पार्थिव देह काे मुखाग्नि दी। इस दाैरान पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष राकेश ठाकुर, स्थानीय ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि, आईटीबीपी के अधिकारी, रमन सिंह के सहकर्मी और बड़ी संख्या में ग्रामीणाें ने नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी।









