कार में घूम रहे थे चार दोस्त, डैशबोर्ड के अंदर छुपाया था चिट्टा- नाके पर पुलिस ने पकड़ा

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश आज नशे के बढ़ते जाल से जूझ रहा है। राज्य के कई जिलों में चिट्टा (हेरोइन) की तस्करी और खपत लगातार बढ़ रही है- जो ना केवल युवाओं के भविष्य पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर कर रही है। पिछले कुछ समय से पुलिस की लगातार कार्रवाइयों के बावजूद चिट्टा तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही।

चिट्टे संग चार अरेस्ट

ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से सामने आया है- जहां अंब उपमंडल में पुलिस टीम ने चार युवकों को चिट्टे की खेप के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। मामले में पुलिस टीम ने युवकों की कार को भी सीज कर लिया है।

जानकारी के अनुसार, पुलिस ने ये कार्रवाई बीते कल रात को की है। पुलिस टीम रूही क्षेत्र में नाका लगाया हुआ था। इस दौरान पुलिस टीम ने वहां से गुजर रही एक कार को चैकिंग के लिए रोका। पुलिस जवानों को देखकर कार सवार चारों युवकों के चेहरों का रंग उड़ गया।

कार के डैशबोर्ड से मिला चिट्टा

चैकिंग के दौरान पुलिस टीम को कार के डैशबोर्ड में से चिट्टे की खेप मिली- जो कि वजन करने पर 2.99 ग्राम चिट्टा मिला। पुलिस टीम ने आरोपियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। आरोपियों की पहचान-

You may also likePosts

सौरभ शर्मा पुत्र राजकुमार निवासी समनोली प्रागपुर

रजनीश कुमार पुत्र किोशरी लाल निवासी जदामण

रोहित राणा पुत्र गुरदीप सिंह निवासी खब्बल कथौली

मलकीयत सिंह पुत्र जोगिंद्र सिंह निवासी जदामण

पुलिस टीम ने चारों आरोपी युवकों के खिलाफ NDPS एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस टीम ये पता लगाने में जुटी हुई है कि आरोपी ये खेप कहां से लेकर आए थे। पुलिस टीम आरोपियों के रिकॉर्ड खंगाल रही है- ताकि नशा तस्करी के पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सके।

हिमाचल में कई नशा तस्कर सक्रिय

चिंताजनक बात यह है कि हिमाचल अब केवल नशे की खपत का क्षेत्र नहीं रहा, बल्कि धीरे-धीरे तस्करी के एक ट्रांजिट पॉइंट के रूप में भी उभर रहा है। तस्कर छोटे पैकेटों में नशा सप्लाई कर पुलिस की नजरों से बचने की कोशिश करते हैं, जबकि सोशल मीडिया और मोबाइल एप्स के जरिए संपर्क साधा जा रहा है।

पुलिस और प्रशासन ने नशे के खिलाफ अभियान तेज किया है। जगह-जगह नाकाबंदी, गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापेमारी और तस्करों की संपत्ति खंगालने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। बावजूद इसके, नशे का नेटवर्क लगातार नए तरीके अपनाकर खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

जनता को करना होगा सहयोग

विशेषज्ञों का मानना है कि केवल पुलिस कार्रवाई से इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। इसके लिए समाज, परिवार और शिक्षा संस्थानों को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। युवाओं को रोजगार के अवसर, खेल और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ना बेहद जरूरी है, ताकि वे नशे के जाल में फंसने से बच सकें।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!