क्लिक पर पहले जानिए, पुलिस की क्या है थ्यौरी
पांवटा साहिब : जामनीवाला स्कूल की लापता छात्रा पूनम देवी की मौत का सनसनीखेज खुलासा हुुआ है। यह अलग बात है कि पुलिस की थ्यौरी कुछ अजीब है। फिलहाल पुलिस ने दो व्यक्तियों के कबूलनामे पर मामले का पटाक्षेप करने का दावा किया है। कोई भी ठोस वैज्ञानिक सबूत पुलिस के हाथ नहीं लगा है। यह बात भी दीगर है कि पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए मेहनत नहीं की। बकायदा एसपी रोहित मालपानी, एएसपी विनोद धीमान ने बाता नदी के किनारे खाक छानी। साथ ही खोजी कुत्तों की भी मदद ली। लेकिन अब जो कुछ सामने आया है, इस पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है।
पहले जानिए, पुलिस की क्या है थ्यौरी :
इस थ्यौरी के मुताबिक 7 अगस्त की रात पूनम देवी को खेतों में लगाई गई बाड़ से करंट लगा। यह बाड़ खेतों को सूअरों से बचाने के लिए लगाई गई थी। सुबह खेत के मालिक राम प्रसाद व राजेंद्र ने लाश को देखा। इसके बाद लाश को आनन-फानन में बाता नदी में फैंक दिया गया। करीब 15 दिन बाद लाश के कुछ हिस्से नदी के किनारे नजर आए। जिसके बाद आनन-फानन में लाश के इन हिस्सों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। रोंगटे खड़े कर देने वाली बात यह है कि पूनम देवी के अपने भी इस गुनाह में शामिल थे। मिट्टी का तेल इस्तेमाल करते हुए शरीर के कुछ हिस्सों को जला दिया गया।
पुलिस ने मौके से खेत में लगाई तारों को बरामद किया है। साथ ही कैरोसिन के इस्तेमाल को लेकर भी साक्ष्य जुटाए हैं। लाश को नदी में फैंकने वाले राम प्रसाद व राजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब पुलिस लडक़ी के घर वालों की गिरफ्तारियां भी आईपीसी की धारा-201 के तहत कर सकती है, जिन्होंने साक्ष्य मिटाए। लगभग डेढ़ दर्जन गिरफ्तारियां आईपीसी की धारा-201 के तहत होने की संभावना जताई जा रही है। इस पटाक्षेप की पुष्टि खुद एसपी रोहित मालपानी ने की है।
अब जानिए, पुलिस की थ्यौरी पर क्या हैं सवाल..
दो व्यक्तियों ने यह कहा कि छात्रा की मौत करंट लगने से हुई। उन्होंने ही लाश को फैंका था तो पुलिस को महज इस कबूलनामे के आधार पर मामले का पटाक्षेप करने की क्या जल्दबाजी थी, क्योंकि गैर इरादतन हत्या की धारा-304 के तहत गिरफ्तार आरोपियों का पुलिस के सामने यह कहना कि लाश उन्होंने ही फैंकी थी, क्या तसल्लीबख्श जांच है। इस मामले में पुलिस के पास पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी नहीं है। दो आरोपियों की बात को पूरी तरह सच मान लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक गांव में दो से तीन दर्जन लोगों से पूछताछ हो चुकी है। अधिकतर लोगों ने इसी बात को माना है कि लडक़ी के शरीर के कुछ हिस्सों का ही अंतिम संस्कार हुआ है। प्रश्न उठता है कि क्या 15 दिन के भीतर नदी में लाश के टुकड़े-टुकड़े हो जाएं।
सबसे अहम बात यह भी है कि पुलिस के पास यह भी कोई साक्ष्य नहीं है कि मरने वाली लडक़ी पूनम देवी ही थी। डीएनए की रिपोर्ट आने में समय लगेगा। शिनाख्त का आधार पर फिलहाल आरोपी राम प्रसाद व राजेंद्र ही हैं। एक बड़ा सवाल यह है कि जब युवती के शरीर के कुछ हिस्से मिले तो घरवालों ने कैसे मान लिया कि यह उनकी ही बेटी की लाश के हिस्से हैं। यह बात पाठकों को तय करनी है कि क्या एक लाश जो 15 दिन पानी में रहती है, वो अपने आप गल कर टुकड़ों में बंट जाए।