मोदी ने साधा वीरभद्र सिंह पर निशाना बोले जमानत पर चल रहे मुख्यमंत्री

(जसवीर सिंह हंस ) मोदी ने वीरभद्र सिंह पर निशाना साधते हुए बोले की  जमानत पर चल रहे मुख्यमंत्री  को हटाना चाहिये |उन्होंने वीरभद्र सिंह को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए कोर्ट के चक्कर मार रहे है  भ्रष्टाचार में डूबी कांग्रेस उनको कैसे हटाएगी | क्यूंकि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गाँधी खुद भ्रष्टाचार  के मामले में नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर चल रही है |

विशाल रैली को समोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार चरम सीमा पर था परन्तु भाजपा की सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार खत्म  हो गया है हिमाचल के साथ मेरा लगाव रहा  हिमाचल ने मुझे भरपूर प्यार दिया जनता का आने के लिए धन्यवाद किया |

एम्स का शिलान्यास करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिलासपुर के लोगों ने कृषि क्रांति लाने में बलिदान दिया।भाखड़ा बांध बिलासपुर के लोगों की ही देन है। इसी से किसानों ने देश में अन्न के भंडार भरे। भाखड़ा बांध की वजह से हरियाणा पंजाब हरा भरा हुआ। प्रदेश में ट्रॉमा सेंटर होने से अब लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश में हादसे होते हैं। बसें खाई में गिरती हैं और उन्हें इलाज न मिलने से उनकी मौत हो जाती है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हिमाचल में आने वाले टूरिस्टों की आमद बढ़ेगी।

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

– 1300 करोड़ से बनेगा एम्स और यह स्पेस ऑफ आर्ट से कम नहीं होगा। 3000 से ज्यादा लोग एक साथ काम करेंगे। लोगों को रोजगार मिलेगा।पीएम मोदी ने इंद्रधनुष टीकाकरण मिशन के लिए जेपी नड्डा की तारीफ की।मिशन इंद्रधनुष के तहत पीएम ने लोगों से अपने बच्चों का टीकाकरण करवाने की अपील की। IIIT शिक्षा का धाम बनेगा। IIIT का मतलब आधुनिक हिमाचल का शिलान्यास हुआ। तकनीक के माध्यम से नौजवान देश का भविष्य संवारेंगे।

कंदरोड़ी में स्टील प्लांट सात साल तक लटका रहा। विभाग आपस में उलझते रहे। पहले एक सरकार में अनेक सरकारें थीं और रिमोट से चलने वाली दूसरी सरकार। इस वजह से स्टील प्लांट लटका रहा। अब प्रोडक्‍शन चालू करवा दिया है। इसे मैं हिमाचल की जनता को अर्पित करता हूं।40 साल से लटका रहा वन रैंक वन पेंशन। चुनावों के दौरान मैंने मंडी में घोषणा की थी कि हम वन रैंक वन पेंशन देकर रहेंगे। मेरे लिए देश का जवान प्राथमिकता है।

-सर्जिकल स्ट्राइक से सेना ने दिखा दिया हम भी किसी से कम नहीं है। हिमाचल वीरों की धरती है।हिमाचल में 13 प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं जिन पर केंद्र सरकार 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। पीएम मोदी बोले इन दिनों हिमाचल में जमानती सरकार चल रही है। इससे पहले पीएम के हेलीकाप्टर ने लुहणू क्रिकेट ग्राउंड में लैंड किया। लुहणू क्रिकेट ग्राउंड में एक साथ तीन हेलीकॉप्टरों की लैंडिग हुई।

यहां पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केंद्रीय स्वास्‍थ्य मंत्री जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, प्रदेश के स्वास्‍थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर और महेंद्र धर्माणी ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पीएम मोदी को हिमाचली टोपी और शाल भेंट कर सम्‍मानित किया। पीएम ने एम्स का शिलान्यास किया और इसके बारे में अफसरों से जानकारी ली।

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

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