शातिराना तरीके से विजय कुमार नाम के शख्स ने डॉ. पूरन चंद चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित हिमाचल इंस्टीच्यूट ऑफ फार्मेसी को लाखों रुपए का चूना लगाया है। निदेशक डॉ. गौरव गुप्ता ने मामला दर्ज करवा दिया है। दरअसल आरोपी विजय कुमार ने कुछ अरसा पहले फार्मेसी प्रबंधन को आकर बताया कि वह एफआरआई देहरादून में माली का काम करता है।
एफआरआई की पृष्ठभूमि के कारण विजय कुमार ने फार्मेसी में जड़ी-बूटियां, प्लांटस व बीज इत्यादि की सप्लाई करनी शुरू कर दी। इसके लिए विजय कुमार काफी कम दाम वसूलता था। हाल ही में प्रबंधन को विजय कुमार द्वारा 28 फरवरी 2017 की सप्लाई का बिल हाथ लगा। इसमें फार्मेसी की10079 की देनदारी बताई गई थी। प्रबंधन उस वक्त हैरान रह गया, क्योंकि बिल फर्जी था। दरअसल सप्लाई की नहीं जा रही थी, बल्कि फार्मेसी के परिसर में ही आकर फर्जी तरीके से वेरीफिकेशन करवा ली जाती थी। इसके लिए निदेशक, उप प्रधानाचार्य व एकाउंटस विभाग की फर्जी मुहरें व हस्ताक्षर किए जाते थे।
प्रबंधन के मुताबिक आरोपी द्वारा 5 लाख 60 हजार 706 रुपए का भुगतान 28 मार्च 2016 तक लिया गया है। इसके अलावा ऑडिट जारी है। प्रबंधन का कहना है कि फोन पर विजय कुमार से संपर्क स्थापित किया गया तो उसने मामले को सुलझाने की बात कही। बहरहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा-420, 467, 468 व 471 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।