पांवटा साहिब : बहराल व यमुनाघाट बैरीयर पर नकली बिलों के द्वारा निकल रहे रेत बजरी के ओवरलोड डम्पर

(जसवीर सिंह हंस ) उतराखंड व हरियाणा की सीमा पर स्थित पांवटा साहिब  अवैध खनन का अड्डा बन गया है रोजाना यहाँ से सेंकडो ट्रक रेत व बजरी के भरकर निकल रहे है | इस  मामले में खबरोंवाला को कुछ ऐसे सबूत मिले है जिसने साफ दिख रहा है कि कैसे सरकार को अधिकारियो की मिलीभगत से करोडो रुपए का चुना लग रहा है  |

मिली  जानकारी के अनुसार हरियाणा व हिमाचल के आबकारी व कराधान विभाग की मिलीभगत से कुछ ऐसे लोगो को खनन के gst नंबर दे दिए गये है जिनके पास सरकार से खनन का कोई लाइसेंस नहीं है | बताया जा रहा है कि खनन विभाग ने इस मामले में हरियाणा व हिमाचल के आबकारी व कराधान विभाग को कई पत्र भी लिखे है परन्तु मोटे पैसे के लालच में अधिकारी कोई कारेवाही नहीं कर  रहे है | इन्ही नकली बिलों पर हिमाचल के कुछ क्रेशर मालिक व यमुना से अवैध खनन माफिया बिना M फॉर्म के रेत बजरी उतरांचल में बेच रहे है | इस मामले में हरियाणा के नकली बिलों पर पांवटा साहिब से रेत व बजरी भरकर उतरांचल में बेचीं जा रही है |

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वही खनन विभाग इस मामले पर अपना पल्ला झाड़ रहा है जबकि सबसे जयादा जिम्मेवारी इसी विभाग की बनती है |  खननं विभाग हर खननं कारोबारी को एक M फार्म की बुक इशु करता है जो बिल के साथ होनी जरुरी होती है |  परन्तु बेरियर पर सेटिंग करके ये खननं माफिया हर ट्रक पर हर विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियो को कोई कारेवाही न करने पर राजी कर लेते है |

इस मामले में पुलिस विभाग ,खननं विभाग ,परिवहन विभाग , आबकारी व कराधान विभाग सहित प्रशासन भी मौन है क्यूंकि खननं माफिया की पहुच बहुत है व विभागों में भी इनकी पकड़ बहुत है | पैसे के मामले में भी खननं माफिया रोजाना करोडो रुपए का कारोबार कर रहा है  | यदि सभी विभाग मिलकर इस काले कारोबार को रोकने की कोशिश करेंगे तभी इसपर लगाम लगाई जा सकती है |

 

वही पुलिस विभाग कि कारेवाही इस मामले में संधिग्द है क्यूंकि गत महीने पहले ही पुलिस बल के साथ पहुचे डी.एस.पी. ने यमुनाघाट स्थित एक दुकान शिव शंकर ट्रांसपोर्ट कम्पनी पर  छापेमारी की थी | दुकान चलाने वाला आरोपी मोके से पहले फरार हो गया | जबकि दुकान के मालिक ने बताया था कि उसने कुछ महीने पहले ही दुकान किराये पर दी थी  | आरोपी  उत्तरपदेश  के छुटमलपुर का रहने वाला बताया जा रहा था सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कई लोगो से पूछताछ हो चुकी है |

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिकायत मिली थी कि  यमुनाघाट स्थित एक दुकान शिव शंकर ट्रांसपोर्ट कम्पनी नकली 26 नंबर फॉर्म व ऍम फॉर्म भरकर दे रहा था ये क्रेशर से भरी रेत बजरी भरकर लाई गयी गाडियों के बिलों से कॉपी करकर यमुना नदी से अवैध खनन करकर लाई गयी गाडियों को मोटी रकम लेकर दिए जाते थे व रात के समय काफी संख्या में गाडियों को ये बिल देकर मोटी कमाई की जा रही थी | ये फॉर्म एक अन्य दुकान पर कटे बिलों के नंबर के कॉपी होते थे  | पुलिस ने मोके से कंप्यूटर , प्रिंटर व अन्य दस्तावेज जप्त कर लिए थे  | व दुकान पर ताला लगा कर चाबी अपने कब्जे में ले ली थी  | पुलिस ने अभी तक इस मामले पर कोई खुलासा नहीं किया है  |

 

 

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