अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर आज नाहन के जिला परिषद के सभागार में जिला स्तरीय महिला दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से आयोजित समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम , लघु नाटिकाऐं इत्यादि कार्यक्रम समारोह के मुख्य आकर्षण रहे। उपायुक्त सिरमौर ने इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की ।
उपायुक्त ने अपने संबोधन मे महिलाओं को शुभकामनाऐं देते हुए देते एक रूबाई प्रस्तुत करके समारोह को भावनात्मक रूप में परिवर्तित कर दिया । उन्होने कहा कि -“ एक तपती दोपहर है नारियों की जिंदगी- एक पथरीली डगर है नारियों की जिंदगी-चाहे हो अग्नि परिक्षा चाहे हो चौसर की बिसात-हर सदी में दांव पर है नारियों की जिंदगी “ ।
उन्होने कहा कि यह गौरव का विषय है कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाऐं रूढ़ीवादिता की दिवारों को तोड़कर हर क्षेत्र में पुरूषों से आगे बढ़कर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों ंमें अभी भी कुछ महिलाऐं घरेलू हिंसा और रूढ़ीवादिता का शिकार हो रही है, जिन्हें महिला अधिकारों के बारे जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत गुडिया हेल्प लाईन आरंभ की गई है जिसका दूरभाष न0 1515 है ।
उन्होने महिलाओं से आग्रह किया कि यदि उन पर किसी प्रकार के अत्याचार हो रहे है अथवा घरेलू हिंसा से पीड़ित है तो इसकी सूचना तुरन्त जिला प्रशासन, पुलिस अथवा संबधित एसडीएम को दी जाए ताकि महिलाओं का उत्पीड़न पर अंकुश लगाया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि बेटी के महत्व बारे लोगों को जागरूक करने की बहुत आवश्यकता है । उन्होने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना की तुलना में 2011 की जनगणना में महिला लिंगानुपात में काफी वृद्धि दर्ज हुई है परन्तु यह वृद्धि आशातीत नहीं है । उन्होने कहा कि कन्या लिंगानुपात बढ़ाने के लिए लोगों को आत्म चिंतन करना होगा और कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराधों से बचना होगा ।
उन्होने कहा कि जिला में पीएनडीटी एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा और कन्या भ्रूण हत्या और संबधित क्लिनिक की जानकारी देेने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा ।
जैन ने कहा कि जिला में महिलाओं द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहो को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रभावी पग उठाए जा रहे है तथा समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को सरकार के ई-मार्किटिग के माध्यम से विपणन की व्यवस्था करने पर कार्यवाही की जा रही है ताकि महिलाओं को अपने उत्पाद का उचित दाम मिल सके । उन्होने कहा कि नारी को आदिकाल से देवी का रूप माना गया है और महिलाओं को भी अपने आपको कम नहीं आंकना चाहिए । उन्होने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे जागरूक होना चाहिए तभी वह जीवन में एक सफल नारी का रोल अदा कर सकती है ।
उन्होने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक तौर पर सुदृढ़ करने के लिए अनेक योजनाऐं कार्यान्वित की जा रही है जिसके फलस्वरूप अनेक महिलाऐं स्वाबलंबी बनकर अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन पोषण कर रही है । उन्होने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा सबला तथा किशोरी शक्ति योजना, माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह योजना इत्यादि कार्यक्रम चलाए गए है।
मुख्य अतिथि द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया ।जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती ईरा तनवर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और विभाग द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे जानकारी दी । उन्होने उपायुक्त को हिमाचली टोपी और मफलर और स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा विजय श्री गौतम मोहम्मद शमीम जिला बाल सरंक्षक इकाई नाहन, डा0 विधि तोमर ने भी महिला दिवस पर प्रकाश डाला
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी, राजकीय डिग्री कॉलेज की प्रधानाचार्य वीना राठौर सहित विभिन्न विभागों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे ।इस अवसर पर, राजकीय नर्सिंग कॉलेज नाहन और डिग्री कॉलेज नाहन तथा भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रयोजित दल द्वारा लघु नाटिका, लोक गीत और लोक नृत्य प्रस्तुत करके समारोह को आकर्षक बनाया गया । इस अवसर पर एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया गया जिसमें रोगियों की जांच व निःशुल्क दवाऐं उपलब्ध करवाई गई ।