(जसवीर सिंह हंस ) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एज.एम.) के अंतर्गत चलाई जा रही 108 नेशनल ऐंबुलेंस सर्विस जो हिमाचल प्रदेष सरकार एवं जी.वी.के.ई.एम.आर.आई. के संयुक्त प्रयासों द्वारा सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी के तहत चलाई जा रही है। इसने अपने 6 वर्ष 4 महीने के कार्यकाल में आपातकालीन 108 ऐंबुलेंस को आधार बना कर प्रदेश में होने वाले सड़क हादसों का सर्वे किया गया है। इस सर्वे की रिर्पोट में खुलासा हुआ है कि प्रदेष में 682 ऐसे स्थान है जहां सड़क हादसे होते हैं और 239 ऐसे स्थान जहां बार-बार सड़क हादसे होते हैं। इस रिर्पोट में दर्षाया गया है कि सड़क हादसों का मुख्य कारण क्या है, उन्हें कैसे रोका जा सकता है, सड़क हादसों का समय, सप्ताह के कौन से दिन सबसे अधिक हादसे होते हैं। इन सड़क हादसों में आयु वर्ग के हिसाब से शिकार होने वालों की संख्या के साथ ये भी बताया गया है कि कौन से जिले में कितने हादसे हुए और दिसम्बर, 2010 से अप्रैल 2017 तक कितने सड़क हादसे हो चुके हैं।
हिमाचल प्रदेष में अगर वर्षो के अनुसार सड़क हादसों की दर को देखा जाए तो वर्ष 2011 में कुल 3934, वर्ष 2012 में कुल 4448 वर्ष 2013 में कुल 4862, वर्ष 2014 में कुल 6764 वर्ष 2015 में कुल 6865, वर्ष 2016 में कुल 7454 और वर्ष 2017 में अप्रैल तक कुल 2158 सड़क हादसो के मामले आए हैं। इसी तरह सड़क हादसों में शिकार लोगो में भी लगातार बढोतरी हुई है। वर्ष 2011 में कुल 5963, वर्ष 2012 में कुल 6715, वर्ष 2013 में कुल 6650, वर्ष 2014 में कुल 8858, वर्ष 2015 में कुल 8875, वर्ष 2016 में कुल 9542 और वर्ष 2017 ;अप्रैल तक कुल 2811 लोग सड़क हादसो के शिकार हुए हैं जो कि निराशजनक बात है । अतः यह बहुत ही जरुरी है कि इन हादसो को रोका जाए ताकि प्रदेश वासियों के अनमोल जीवन को बचाया जा सके।
सड़क हादसों के कुल 49430 शिकार हुए हैं जिनमें से 40091 पुरुष है जो कि परिवार के पालन-पोषण के लिए जिम्मेवार होते हैं। सब से अधिक नौजवान रोजमर्रा के कामों के लिए घर से निकलते हैं। हादसों में शिकार कुल 19821 की उम्र 19-30 साल के बीच है।हिमाचल प्रदेश में अगर महीनों के अनुसार सड़क हादसों की दर को देखा जाए तो मई, जून, अगस्त, अक्तूबर और नवम्बर में सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं। वही इस सर्वे में एक अजीब बात ये भी सामने आयी है की शनिवार और रविवार को ज्यादा हादसे होते है |
मेहूल सुकुमारन स्टेट हैड, जीवीके ईएमआरआई 108, हिमाचल प्रदेश ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे कलाम जब सोलन आए थे तो उन्होंने हिमाचल में होने वाले सड़क हादसों के कारण और उन्हें रोकने के लिए रिर्पोट तैयार करने का विचार दिया था। उसके बाद ही कंपनी ने प्रदेश में होने वाले सभी हादसों को ध्यान में रख कर यह सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। ये रिपोर्ट 108 नेशनल ऐंबुलेंस सर्विस ने तेयार की है इन हादसों की संख्या जयादा भी हो सकती है क्यूंकि इस सर्वे में हादसों में घायल लोग निजी तोर अस्पताल लाये जाते है उनका रिकॉर्ड नहीं है |