क्षेत्रीय आयुर्वेद अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरा जाएगा ,मंत्री ने किया क्षेत्रीय आयुर्वेद अस्पताल का औचक निरीक्षण

(जसवीर सिंह हंस ) क्षेत्रीय आयुर्वेद अस्पताल शिमला में क्षारसूत्र व पंचकर्मा जैसे विशिष्ट चिकित्सा उपचार व मरीज़ां की बढ़ती आमद को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने का मामला मुख्यमंत्री से उठाया जाएगा। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुर्वेद मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज क्षेत्रीय आयुर्वेद अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के उपरांत अस्पताल प्रशासन के साथ एक संक्षित बैठक में कही।

उन्होंने कहा कि यह अस्पताल बहुत बड़े क्षेत्र को कवर करता है और यहां पंचकर्मा तथा क्षारसूत्र के लिये दूर-दूर से लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि उपचार की इस पदति की मांग दिनों-दिन बढ़ रही है, और ऐसे में अस्पताल में आवश्यक ढांचागत सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों का होना अनिवार्य है।

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आयुर्वेद मंत्री ने कहा कि अस्पताल की प्रयोगशाला में अनेक प्रकार के परीक्षणों की सुविधा मौजूद है। उन्होंने कहा कि लैब टैक्निशियन व सहायकों की कमी के कारण मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिये पपरोला से वैकल्पिक व्यस्था की जा रही है। उन्होंने ऐसे रिक्त पदों को भरने का मामला मुख्यमंत्री से उठाने की बात कही। उन्होंने अस्पताल में थॉयराईड परीक्षण व उपचार शुरू करने को भी कहा।

श्री परमार ने कहा कि आयुर्वेद में 200 चिकित्सकों की भर्ती शीघ्र ही की जा रही है जिससे राज्य के मुख्य अस्पतालों में चिकित्सक उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा, हाल ही में 250आयुर्वेद फार्मासिस्ट भरे गए हैं और इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति दी गई है।

उन्होंने कहा कि 262 एलोपैथी तथा 56 दंत चिकित्सकों के पदों को भरा गया है, जबकि 200 और चिकित्सक नियुक्त किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2000 पैरा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण पर है। पिछले चार महीनों के दौरान विभाग में विभिन्न श्रेणियों में हजारों कर्मचारियों को पदोन्तियां दी गई हैं।

बैठक में अवगत करवाया गया कि क्षेत्रीय अस्पताल में सालाना 50000 के करीब ओपीडी तथा 10 हजार आईपीडी है, जबकि 4800 से अधिक मरीजों का पंचकर्म पदति से उपचार किया गया। यह भी मांग की गई कि अस्पताल में आपातकाल चिकित्सा, ऑर्थो तथा स्त्री रोग उपचार सुविधाएं होना ज़रुरी है। इसके लिये मंत्री ने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने को कहा।

उन्होंने अस्पताल में नई रोगी कल्याण समिति के गठन की बात भी कही। उन्होंने अधिकारियों को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन के लिये कहा ताकि लोगों को अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी मिले और साथ ही घर-द्वार के समीप उपचार भी हो सके। उन्होंने चिकित्सकों को क्षारसूत्र व अन्य विशेषज्ञ प्रशिक्षण करवाने के भी निर्देश दिए।

इससे पूर्व, आयुर्वेद मंत्री ने अस्पताल के प्रत्येक कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में विशेषकर सफाई व्यवस्था को देखा और इस संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए। मंत्री ने कहा कि वह राज्य के मेडिकल कालेजों सहित सभी बड़े अस्पतालों का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि औचक निरीक्षण करने का उद्देश्य किसी में भय उत्पन्न करना नहीं है, बल्कि ज़मीनी स्तर पर व्यवस्थाओं का जायजा लेकर इनमें सुधार लाना है।निदेशक आयुर्वेद संजीव भटनागर, ओएसडी डा. के.के. शर्मा सहित अस्पताल के चिकित्सक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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