उपायुक्त सिरमौर डॉ0आर0के0परूथी ने अम्बोया के टिम्बी में 12 फरवरी को आयोजित हुए जनमंच में सभी शिकायतें न सुने जाने तथा खराब खाना परोसे जाने की आई खबर का खण्डन करते हुए बताया कि दोनो विषय की गहनता से जांच उपरान्त यह सामने आया है कि उस दिन जनमंच में सभी प्राप्त शिकायतें सुनी गई थी तथा परोसे गए खाने की लैबोरेट्री जांच उपरान्त यह पाया गया कि खाना किसी भी प्रकार से खराब नही था।
उन्होंने बताया कि जनमंच से पूर्व आयोजित गतिविधियों के दौरान 17 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनकी सुनवाई जनमंच में हुई थी। इसी प्रकार जनमंच वाले दिन सात और शिकायतें मौके पर दर्ज की गई और उन शिकायतों पर चर्चा भी कि गई थी। जनमंच के समापन के उपरांत कुल 47 शिकायतें और प्राप्त हुई थी जिन्हे बाद में ऑनलाइन दर्ज किया गया है।
डॉ0परूथी ने बताया कि जनमंच में सात प्रकार के व्यजन बनाए गए थे तथा खाने की गुणवता संबंधी शिकायत आने पर जिला प्रशासन द्वारा उसी वक्त खाने की सप्लाई को रोक दिया गया तथा खाने के सैंपल कम्पोजिट टैस्टींग लैबोरेट्री कण्डाघाट भेजे गए। फुड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्ड एक्ट-2006 के प्रावधानों के अनुरूप जांच रिपोर्ट में पाया गया कि राजमाह दाल को ज्यादा देर भीगोने से उसमें लैक्टीक ऐसिड की मात्रा अधिक हो गई जिस कारण दाल में बदबु आ गई थी। दाल में लैक्टोबेसीलस बैक्टीरिया द्वारा लैक्टीक ऐसिड उत्पन्न हुआ जोकि दही में भी पाया जाता है इसी वजह से राजमाह दाल के स्वाद में बदलाव आया और उससे गन्ध आने लगी।
उन्होंने बताया कि जांच के उपरान्त यह भी पाया गया कि उस दौरान शिलाई क्षेत्र के अस्पताल में डायरिया, आंत्रशोध व फूड पॉयजनिंग का कोई भी मामला सामने नही आया, जिससे यह साबित होता है कि खाना खाने योग्य था तथा खाने से किसी को भी कोई नुक्सान नही हुआ है।