पिछले लंबे समय से बीबीएमबी सरकारी स्कूलो में बच्चो से वर्दी को लेकर किया जा रहा भेदभाव बोर्ड चैयरमेन द्वारा सभी स्कूल में एक सम्मान वर्दी के निर्देश उपरांत समाप्त हो गया था । गत वर्ष ही इस बाबत कुछ स्कूलों में फ़ेरबदल करते हुए सलापड,पण्डोह व सुंदरनगर के दोनों स्कूलों सहित सभी में एक जैसी वर्दी लगाई गई थी।
लेकिन हाल ही में बीएसएल मॉडल स्कूल में स्कूल प्रबंधन व कुछ बीबीएमबी अधिकारियों द्वारा जानबुझ कर चेयरमेन के समानता के निर्देशों को अवेहलना करते हुए पुनः भेदभाव की नीति अपनाई है और स्कूल में वर्दी व शूज को बदलने का निर्णय थोप दिया है जिस पर अभिवावकों व बच्चो में भारी रोष व्याप्त है ।
गौर हो कि स्कूलों में भेदभाव के चलते बीबीएमबी के सुंदरनगर स्तिथ मॉडल स्कूल में 800 के करीब बच्चे है जबकि दूसरे स्कूल में बच्चो की सख्या मात्र 400 रह गई है। अभिवावकों ने नाम न छापने की बात करते हुए कहा कि यह सोची समझी साजिश है ताकि पहले की तरह मॉडल व दूसरे बीएसएल स्कूलो के बच्चो में श्रेष्ठता का भेदभाव बना रहे जबकि सभी स्कूलों में एक बराबर सीबीएसई सिलेबस भी लगाया गया है।
वही दुकानदारों का आरोप है कि यह व्यक्ति विशेष को फायदा पहुचाने की साजिश है। कुछेक दुकानदार के कपड़ो के व बूट के सेम्पल अप्रूव कर उन्हे अधिमान दिया जा रहा है और ऐसा ही हाल पाठ्य सामग्री में भी है जहाँ कुछ चुनिदा महंगी निजी प्रकाशकों की किताबें लगाई जा रही है।
पिछले लंबे समय से सुंदरनगर स्तिथ बीबीएमबी के दोनों स्कूलों एकीकरण करने की पुनः मांग उठने लगी है । अभिवावकों का कहना है कि दोनों स्कूल जो कुछ मीटर की दूरी पर स्तिथ है को इकट्ठा कर इनका नाम एक बराबर मॉडल स्कूल रखा जाए। एक स्कूल में 6-12 तक की कक्षाए दूसरे स्कूल में नर्सरी के. जी सहित 1से 5 वी तक की कक्षाए सचालित की जाए । जिससे बच्चों व उनके अभिवावकों में समानता की भावना पैदा हो और प्रत्येक प्रकार भेद भाव समाप्त किया जा सका।
यह पीटीए सहित सभी का सामूहिक फैसला है और बीबीएमबी अधिकारियो की भी इसमें सहमति है-मनजीत सिंह,प्रिंसिपल,राजकीय बीएसएल सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल
हमने किसी भी स्कूल को वर्दी बदलने के निर्देश नही दिए है।यह वह अपने लेवल पर कर रहे होंगे -पी.डी, बांगड़,एस.ई बीबीएमबी सुंदरनगर