कांग्रेस सरकार का दूसरा बजट जन आकांक्षाओं के अनुरूप खरा नहीं उतरा यह बात कांग्रेस ही नेता भी मान रहे। सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ही इसे लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा देखा गया है जब सरकार का ही एक मंत्री अपने मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट से नाखुश दिखा और अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर निकालकर इसमें संशोधन की मांग कर डाली है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर ने ये टिप्पणी करते हुए कहा कि ये सुखमय नहीं दुखमय बजट है। पिछले वर्ष के बजट में की गई घोषणाओं को भी ये सरकार पूरा नहीं कर पाई। इस बार के बजट में भी पिछले बजट में की गई ज्यादातर घोषणाओं को ही दोहराया गया है। सबसे अचरज की बात यह है कि जिन गारंटियों पर कांग्रेस सत्ता में आई इस बजट में उन गारंटियों का जिक्र तक नहीं है। दूसरे बजट में भी सरकार ने प्रदेश के युवाओं से लेकर महिलाओं, किसानों से लेकर बागवानों तक को निराश किया है। हिमाचल प्रदेश की जनता कांग्रेस के इस झूठ और गुमराह करने की राजनीति का आने वाले दिनों में कड़ा जवाब देगी।
बलदेव तोमर ने कहा कि अपने नाम पर योजनाओं का नाम
रखकर ही मुख्यमंत्री हंसी का पात्र बन रहे हैं। मुख्यमंत्री से जनता का भरोसा टूट चुका है और अब यह भरोसा सरकार फिर से हासिल नहीं कर पाएगी। सरकार पूरी तरह से नाकाम हो गई है। सरकार से हर वर्ग नाराज़ और निराश है। बेरोजगारों को उम्मीद थी कि वायदे के अनुरूप मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू हर वर्ष एक लाख रोजगार निकालेंगे और सरकारी नौकरियां थोक में निकलेगी लेकिन बजट में मात्र बीस हजार रोजगार की झूठी गारंटी दी गई है जबकि असलियत ये है कि ये सरकार भाजपा सरकार के समय अधिसूचित नौकरियों को लेकर भी प्रोसेस आगे नहीं बढ़ा पाई है। राजधानी में कई दिनों से पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थी पेंडिंग रिजल्ट घोषित करने के लिए धरने पर बैठे हैं। लेकिन ये सरकार ये भर्ती ही कैंसिल करने का मन बना चुकी है, जबकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी ये रिजल्ट निकालकर युवाओं को रोजगार देने का आदेश दे चुका है।
उन्होंने कहा कि आउटसोर्स पर नियुक्त कर्मचारियों को भी आस थी कि कोई समाधान उनके लिए निकाला जाएगा लेकिन इस सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। सड़कों और सुरंगों का जिक्र बजट में किया है लेकिन ये नहीं बताया कि इसके लिए पैसा कहां से आएगा। जबकि सच ये है कि इसके लिए केंद्र से बजट आएगा। सरकार ने बजट में ये नहीं बताया कि संसाधन कैसे जुटाया जाएगा। लेकिन खर्च कैसे होगा उसके लिए बड़ी डींगे हांकी जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में कांग्रेस का ये बजट लोगों को नहीं लुभा पाएगा। क्योंकि जनता जानती है कि देश में अगली सरकार मोदी की ही आएगी और वही सरकार जनता के लिए सही बजट लाएगी।