आपदा से भी नहीं लिया सबक, ब्यास नदी का सीना छलनी करने में जुटा खनन माफिया

Khabron wala 

प्रदेश में प्रकृति से हुई छेड़छाड़ के कारण आई भयंकर आपदा से भी इंसान ने कोई सबक नहीं लिया है। बरसात अभी पूरी तरह थमी भी नहीं है, लेकिन हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल में खनन माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गया है। सुजानपुर के पलाही के पास ब्यास नदी में अवैध खनन का खेल सरेआम और बेखौफ तरीके से चल रहा है।

हर रोज निकाली जा रहीं 30-40 ट्रैक्टर-ट्राॅलियां

जानकारी के अनुसार कृषि कार्यों के लिए पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्राॅलियों का इस्तेमाल ब्यास नदी से अवैध रूप से रेत, बजरी और पत्थर ढोने के लिए किया जा रहा है। स्थानीय लोगों और भूमि मालिकों के अनुसार, पलाही के पास ब्यास नदी से हर दिन लगभग 30 से 40 ट्रैक्टर-ट्रालियां अवैध खनन सामग्री से भरकर निकल रही हैं। यह सारा कारोबार बिना किसी एम-फार्म के चल रहा है, जिससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लग रहा है। चिंता की बात यह है कि इस संवेदनशील क्षेत्र में न तो पुलिस की कोई गश्त होती है और न ही खनन विभाग का कोई गार्ड तैनात है, जिससे खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं।

भूमि मालिकों ने जताई चिंता, जमीन को खतरा

प्रभावित क्षेत्र के भूमि मालिकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि अवैध खनन उनकी निजी भूमि के ठीक बगल में हो रहा है, जिससे उनकी उपजाऊ जमीन को भी खतरा पैदा हो गया है। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि खनन करने वाले उनकी जमीन से भी रेत-बजरी उठा रहे हैं, जिससे भूमि कटाव का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामले पर जब खनन विभाग के एएमआई (सहायक खनन निरीक्षक) आशुतोष से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि सुजानपुर में विभाग का कोई माइनिंग गार्ड तैनात नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अब स्वयं सुजानपुर का दौरा करेंगे। विभाग अवैध खनन को रोकने के लिए प्रयासरत है और जो भी इसमें संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एएसपी राजेश शर्मा ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में आया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस इस पर तुरंत संज्ञान लेगी और अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। अब देखना यह होगा कि अधिकारियों के इन आश्वासनों के बाद जमीनी स्तर पर कब तक कार्रवाई होती है और ब्यास नदी को कब इस अवैध लूट से बचाया जाता है।

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