गहरी खाई में गिरी कार, तीन दिन बाद लगा पता; तब तक दो लोगों की हो चुकी थी मौत ….

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक कार हादसे का शिकार हो गई। लेकिन इससे भी दुखद बात यह रही कि भारी बारिश के चलते इस हादसे की जानकारी तीन दिन बाद चली। जिसके चलते कार में सवार दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। हर किसी की जुबान पर एक ही बात है कि अगर हादसे की जानकारी मौके पर पता चल जाती तो शायद दो लोगों की जान बच जाती।

शिमला के रोहड़ू में हुआ हादसा

दरअसल यह दर्दनाक हादसा शिमला जिले उपमंडल रोहड़ू के अंतर्गत गवास पंचायत के शेलापानी क्षेत्र में 31 अगस्त को हुआ। हादसे में एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हालांकि, भारी बारिश और खराब नेटवर्क के कारण इस घटना की जानकारी तीन दिन बाद यानी आज दो सितंबर को उस समय लगी, जब स्थानीय लोगों ने एक कार को खाई में गिरे देखा।

स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद मौके पर पहुंची टीम ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार बारिश के कारण फिसलन भरी सड़क पर नियंत्रण खो बैठी और सीधे सैकड़ों फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में प्रमोद माल्टू और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई, जो सेब से भरी गाड़ी में सवार थे और सेब मंडी की ओर जा रहे थे।

हादसे के बाद राहत कार्य में तीन दिन की देरी की मुख्य वजह क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश और मोबाइल नेटवर्क की कमी रही। शेलापानी जैसे दुर्गम इलाकों में संचार व्यवस्था पहले से ही सीमित है, और बारिश के चलते कई जगह रास्ते बंद हो चुके हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, घटना स्थल तक पहुंचने में काफी कठिनाई हुई क्योंकि सड़कें क्षतिग्रस्त थीं और खाई में फंसी गाड़ी दिखने में भी समय लगा।

यह घटना हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं की एक और कड़ी है। खासतौर पर मॉनसून के मौसम में सड़कों की हालत खराब हो जाती है और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन, फिसलन और दृश्यता की कमी के कारण हादसों का खतरा और भी बढ़ जाता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष जुलाई और अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है।

इस हादसे के बाद पूरे शेलापानी क्षेत्र में शोक का माहौल है। मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे खतरनाक मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता में सुधार किया जाए।

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