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भारत में कोकीन की तस्करी का बड़ा नेटवर्क बेनकाब हुआ है. चेन्नई एयरपोर्ट पर एनसीबी और कस्टम्स की संयुक्त टीम ने 60 करोड़ की कोकीन जब्त की है.
भारत में सक्रिय ड्रग सिंडिकेट पर एक बड़ा वार हुआ है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) चेन्नई और एयर इंटेलिजेंस यूनिट ने संयुक्त कार्रवाई में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 5.618 किलोग्राम कोकीन जब्त की है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाई गई इस खेप की कीमत कम से कम 60 करोड़ रुपए आंकी गई है. यह खेप इथियोपिय एयरलाइंस की अदीस अबाबा से आई फ्लाइट से लाई गई थी.
एनसीबी ने इस ऑपरेशन के दौरान दो भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया. इनमें उत्तराखंड के बागेश्वर निवासी 25 वर्षीय बीए स्नातक युवक और हिमाचल प्रदेश के चंबा निवासी 26 वर्षीय आईटीआई पास युवक शामिल है. दोनों आरोपी अपने सामान में प्रतिबंधित कोकीन छिपाकर ला रहे थे. एनसीबी ने बताया कि जब्त कोकीन उच्च श्रेणी की , जो एक-एक ग्राम के पैकेट में बेची जाती है.
भारत में इसकी कीमत 8 हजार से 12 हजार रुपए प्रति ग्राम होती है, जो मिलावट की मात्रा पर निर्भर करती है. इस तरह ड्रग्स की एक बड़ी खेप को भारतीय रिटेल मार्केट तक पहुंचने से पहले ही रोक ली गई. इससे पहले 31 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने भी ड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. उत्तम नगर से दो नाइजीरियाई नागरिकों को 248 ग्राम कोकीन के साथ पकड़ा गया था.
पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों की पहचान 48 वर्षीय चुक्वू एंड्रयू और 43 वर्षीय कोने पायस डैनियल के रूप हुई थी. दोनों नाइजीरिया के लागोस शहर के रहन वाले हैं. दोनों पर कोकीन तस्करी के अलावा भारत में तय वीजा अवधि से ज्यादा समय तक ठहरने का भी आरोप है. इनके पास से फर्जी पासपोर्ट और वीजा बरामद किए गए थे आरोपी छात्रों और अमीर लोगों को टारगेट करते थे.
दिल्ली पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की थी. 24 अगस्त को उत्तम नगर के ओम विहार इलाके में छापेमारी की गई. एंड्रयू को 135 ग्राम कोकीन के साथ पकड़ा गया. उसने बताया कि वो साल 2009 में भारत आया था. वीजा खत्म होने के बाद भी यहीं रह गया. उसे नाइजीरिया के एक शख्स सेंट ने ड्रग नेटवर्क से जोड़ा था, जिसे कुछ महीने पहले निर्वासित किया गया था.
एंड्रयू से मिली जानकारी पर पुलिस ने 27 अगस्त को उसी इलाके से डैनियल को भी गिरफ्तार किया. उसके पास से 113 ग्राम कोकीन बरामद की गई. फिलहाल पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है ताकि दिल्ली और आसपास के शहरों में फैले ड्रग नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके. दो मामलों ने साफ कर दिया है कि इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट भारत को अपने निशाने पर रखे हुए है.