प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए मुख्यमंत्री ने उठाए साहसिक कदम

हिमाचल प्रदेश बन रहा वैश्विक निवेश का आकर्षक केंद्र

छोटे मध्यम उद्यम स्थापित होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा बल

Khabron wala 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि हिमाचल प्रदेश को वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार दृष्टिकोण अपनाकर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार की ‘इंडस्ट्री थ्रू इनविटेशन’ पहल सफल साबित हो रही है। इस सक्रिय निवेश आमंत्रण रणनीति के तहत हिमाचल प्रदेश हाईटेक, सतत और ग्रामीण-आधारित उद्योगों के प्रमुख निवेश स्थल के रूप में उभरकर सामने आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार देश व विदेशों के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आउटरीच कार्यक्रम व दौरे आयोजित कर रही है। उन्होंने कहा कि दुबई और जापान जैसे वैश्विक बाजारों और मुंबई जैसे घरेलू निवेश केंद्रों से संवाद के माध्यम से पिछले तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रतिबद्धता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं। वर्तमान राज्य सरकार ने 14 हजार करोड़ रुपये की 683 औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिससेे लगभग 32,000 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विविध क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। सरकार पर्यावरण अनुकूल परिवहन, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने, हरित ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन में निवेश आकर्षित करने और सतत अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, सौर ऊर्जा, डिजिटल अवसंरचना और कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के माध्यम से डेयरी एवं फूड प्रोसेसिंग में किसानों को लाभ पहुंचाकर औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, मध्यम, लघु उद्योग (एमएसएमई)े राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सरकार ने ग्रामीण उद्यमिता को सुदृढ़ बनाने के लिए 1,642 करोड़ रुपये के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं, जिनमें से प्रारंभिक फंडिंग के रूप में 109.34 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि आईआईटी मंडी, आईआईएम सिरमौर और एम्स बिलासपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में 14 इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में 107 स्टार्टअप सफलतापूर्वक शुरू किए गए हैं, जबकि 407 को शुरू करने की प्रक्रिया जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत राज्य सरकार ने 373.87 करोड़ रुपये निवेश की 1,607 स्वरोजगार इकाइयों को मंजूरी दी है। इससे सीधे तौर पर 3,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

सरकार प्रदेश को निवेशक हितैषी गंतव्य के रूप मंें स्थापित कर रही है। निवेशकों की सुविधा के लिए 180 सेवाओं को सिंगल सिंगल-विंडो पोर्टल में शामिल किया है। निर्माण नियमों में संशोधन कर औद्योगिक भवनों के लिए 70 प्रतिशत भूमि उपयोग की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, 13 नए बड़े और सूक्ष्म औद्योगिक क्षेत्र भी अधिसूचित किए गए हैं ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से उद्योग जगत में हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। राज्य ने स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग 2023 में ‘बेस्ट परफॉर्मर अवार्ड’, वर्ष 2024 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एस्पायरर स्टेट अवार्ड और पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसैसिंग एंटरप्राइजेस योजना के तहत प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। इसके अलावा, राज्य को डीपीआइआइटी 2025 द्वारा स्वास्थ्य और सेवा क्षेत्रों तथा कंस्ट्रक्शन परमिट एनेबलर्स में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पुरस्कार प्रदेश सरकार की पारदर्शी, कुशल और निवेशक-अनुकूल नीतियों की सफलता के प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने आश्वस्त किया

कि हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि हिमाचल देश में औद्योगिक हब के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करे।

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