पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के आधार बनाने में हिमाचल देश में अग्रणी
Khabron wala
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां राज्य सरकार के विभागाध्यक्षों और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईएडीआई) के साथ आधार प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव ने यूआईडीएआई के उप महानिदेशक धीरज सरीन और अन्य सचिवों की उपस्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में चेहरे से प्रमाणीकरण का शुभारंभ किया।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत सफलता हासिल करने के लिए डीडीटीएंडजी, डाक विभाग और स्कूल शिक्षा सहित सभी विभागों को शीघ्र सभी आधार नामांकन किट सक्रिय करने और उपलब्ध संसाधनों का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
हिमाचल प्रदेश पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के आधार बनाने के मामले में देश में अग्रणी है। राष्ट्रीय औसत 39 प्रतिशत है जबकि राज्य ने 56 प्रतिशत कवरेज के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। राज्य ने पिछले तीन महीनों में उल्लेखनीय प्रगति की है और अनिवार्य बायोमेट्रिक अद्यतन के लंबित कार्यों की संख्या 5.5 लाख से घटकर 4.75 लाख पहंुच गई है। डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के सहयोग से अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट को कवर करने के लिए स्कूलों में शिविर लगाए हैं।
मुख्य सचिव ने अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट के लंबित मामलों को कम करने के दृष्टिगत 5 से 15 आयु वर्ग को शामिल करने के लिए निजी स्कूलों को भी इसमें शामिल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आधार संबंधी सेवाओं को लोकप्रिय बनाने और स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से माता-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर भी बल दिया।
उन्होंने 5 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों के आधार नामांकन को कवर करने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर आधार किट तैनात करने के भी निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग, डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंेस विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए आधार नामांकन की सुविधा प्रदान करेंगे, जिससे पूर्ण कवरेज सुनिश्चित होगी।
यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ के डीडीजी, कमोडोर (आईएन) धीरज सरीन ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में आधार प्रमाणीकरण के विस्तार पर बल दिया और आधार एसडब्ल्यूआइके (समाज, कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियमों में नवीनतम संशोधनों का भी उल्लेख किया, जिसके तहत अब होटल, अस्पताल, ट्रैवल एजेंसी जैसी निजी इकाईयां भी राज्य के संबंधित विभाग की अनुमति के अधीन आधार आधारित प्रमाणीकरण का उपयोग कर सकेंगी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आधार अद्यतनीकरण में प्रयुक्त दस्तावेज़ों के डिजिटलीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को विभिन्न सेवाओं के लिए लाभार्थियों का आधार आधारित प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।